उत्तराखंड के उत्तरकाशी के चिन्यालीसौड़ ब्लॉक के कुमारदा गांव में बादल फटने से कई मकान और सड़कें क्षतिग्रस्त हो गए हैं। स्थानीय प्रशासन के अधिकारी घटनास्थल पर उपस्थित हैं और आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।
इस घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है,लेकिन स्थानीय प्रशासन के अनुसार कई मकानों और सड़कों को भारी नुकसान हुआ है।
Uttarakhand | Several houses & roads damaged due to a cloudburst in Kumarada village of Chiniyalisaur block, Uttarkashi, earlier today. Officials of local administration are at the spot pic.twitter.com/ysEnO6c0im
— ANI (@ANI) May 3, 2021
घरों और सड़कों को भारी नुकसान
स्थानीय प्रशासन ने बताया कि इलाके से लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है, लेकिन इलाके में पानी और कीचड़ भर जाने के कारण घरों और सड़कों को भारी नुकसान पहुंचा है। हालांकि इस घटना में अच्छी बात यह रही है कि कोई हतातहत नहीं हुआ है।
अक्सर घटते रहती हैं ऐसी घटनाएं
उत्तराखंड में इस तरह की प्राकृतिक आपदाएं प्रायः आती रहती हैं और कई बार इससे जान-माल का भारी नुकसान होता है। इससे पहले चंबा जिले के जोशी मठ के सुमना क्षेत्र में ग्लेसियर टूटने से 11 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 384 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया था।
ये भी पढ़ेंः कोरोना को हराना है! पीएम ने लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय
23 अप्रैल को टूटा था ग्लेशियर
बता दें कि 23 अप्रैल को उत्तराखंड के जोशी मठ में ग्लेशियर टूटने की घटना घटी थी। यह घटना चमोली जिले में घटी थी। जहां ये घटना हुई थी, वहां आबादी नहीं है लेकिन वहां बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन और भारत तिब्बत सीमा पुलिस का पोस्ट है। यह स्थान भारत चीन सीमा के पास स्थित है। घटनास्थल पर सेना का दल पहुंचने का प्रयास कर रहा था। बारिश के कारण ऋषिगंगा का जलस्तर बढ़ जाने के कारण लगातार बर्फबारी के कारण ये घटना होने की बात कही जा रही है।
फरवरी में भी घटी थी ऐसी घटना
7 फरवरी 2021 को भी चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने की घटना हुई थी। तब 77 लोगों की जान चली गई थी और कई लोग तभी से लापता हैं। इस घटना के बाद आई बाढ़ में ऋषिगंगा और धोलीगान नदियों में जलस्तर बढ़ गया था। इसके कारण ऋषिगंगा हाइड्रो परियोजना और तपोवन विष्णूगढ़ हाइड्रो परियोजना को बहुत क्षति पहुंची थी। इन परियोजनाओं में कार्य कर रहे कर्मचारी जीवित ही जमीन में समा गए थे।