डिजिटल हेल्थ रिपोर्ट कार्ड बनाने वाला देश का पहला राज्य बना उत्तर प्रदेश

बच्चों के लिए डिजिटल हेल्थ कार्ड बनाने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है। भारत के किसी भी स्कूल में न तो डिजिटल हेल्थ रिपोर्ट कार्ड की सुविधा है और न ही स्वास्थ्य बीमा कवर।

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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के हर छात्र को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा (Quality Education) देने के लिए प्रतिबद्ध सीएम योगी (CM Yogi) की मंशा के अनुरूप नगर विकास विभाग (Urban Development Department) और लखनऊ स्मार्ट सिटी (Lucknow Smart City) के तहत ‘स्कूल हेल्थ प्रोग्राम’ (School Health Program) के रूप में अनूठी पहल की गई है। पायलट प्रोजेक्ट (Pilot Project) के तहत लखनऊ स्मार्ट सिटी द्वारा लखनऊ के तीन स्कूलों में स्कूल हेल्थ प्रोग्राम शुरू किया गया है।

इसमें नगर निगम के स्कूलों में पढ़ने वाले 1765 विद्यार्थियों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का डिजिटल हेल्थ रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जा रहा है। साथ ही इन बच्चों को 25 हजार रुपये के स्वास्थ्य बीमा का लाभ भी दिया जा रहा है। पायलट प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद उत्तर प्रदेश के अन्य नौ स्मार्ट शहरों में भी इस कार्यक्रम के आने की संभावना है। इस अभिनव प्रयास की शुरुआत लखनऊ मंडलायुक्त और लखनऊ स्मार्ट सिटी चेयरपर्सन डॉ. रोशन जैकब ने की है। लखनऊ स्मार्ट सिटी के नगर आयुक्त और मुख्य कार्यकारी अधिकारी इंद्रजीत सिंह ने उत्तर प्रदेश स्टार्टअप नीति के तहत रजिस्टर्ड हेल्थ टेक स्टार्टअप स्टफिट को यह काम किया है।

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स्मार्ट सिटी के तहत फंडिंग
डॉ. रोशन जैकब ने कहा कि इस स्टार्टअप ने कोविड के दौरान लखनऊ में काफी काम किया है। स्मार्ट सिटी में हमने यह प्रावधान किया है कि हम जनता के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा या तकनीक सहित जो भी अच्छे कार्यक्रम लाते हैं, हम उन स्टार्टअप्स को फंड देते हैं। इसके तहत उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई है। अगर ये स्टार्टअप यहां सफल होते हैं तो दूसरे शहरों में भी ऐसे कार्यक्रमों को आगे बढ़ा सकते हैं। यह कार्यक्रम बच्चों के स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक है। इसमें बच्चों की स्कूल मैपिंग की जाती है, जैसे स्वास्थ्य विभाग की टीम राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य के तहत स्कूलों में जाकर बच्चों का चेकअप करती है, यह कार्यक्रम उसी का थोड़ा बेहतर संस्करण है, ताकि बच्चे वास्तव में इसका लाभ उठा सकें।

डिजिटल हेल्थ रिपोर्ट कार्ड बनाने वाला यूपी पहला राज्य
स्टूफिट के निदेशक डॉ. एस हैदर ने कहा कि उनके पास डॉक्टरों और पैरामेडिक्स की 30 से 35 सदस्यीय मोबाइल स्वास्थ्य टीम है, जिसमें स्वास्थ्य स्वयंसेवकों के साथ-साथ टीम समन्वयक भी हैं, जो क्रमशः प्रत्येक बच्चे की उनकी विशेषज्ञता के अनुसार जांच करते हैं और एक डिजिटल बनाते हैं। बच्चों का स्वास्थ्य रिपोर्ट कार्ड हैं। भारत के किसी भी स्कूल में न तो डिजिटल हेल्थ रिपोर्ट कार्ड की सुविधा है और न ही स्वास्थ्य बीमा कवर। इस पायल प्रोजेक्ट के तहत नगर निगम के तीन स्कूलों के 1765 बच्चों के स्वास्थ्य जांच की जिम्मेदारी दी गई है. इनमें अमीनाबाद इंटर कॉलेज, कश्मीरी मोहल्ला गर्ल्स इंटर कॉलेज और कश्मीरी मोहल्ला मोंटेसरी स्कूल शामिल हैं। हमारी टीम बच्चे की डेस्क-टू-डेस्क जांच कर डिजिटल हेल्थ कार्ड बना रही है। हर बच्चे का एक यूनिक आईडी कार्ड बनाया जाएगा, जिसके जरिए बच्चे के माता-पिता, स्कूल और प्रशासनिक अधिकारी इस हेल्थ कार्ड को डाउनलोड कर सकेंगे। हर छह महीने में डिजिटल हेल्थ रिपोर्ट का फॉलोअप भी किया जाता है। साथ ही 25 हजार रुपए का हेल्थ कवर कैशलेस कार्ड भी दिया जाता है। यदि कोई बच्चा बीमारी के कारण अस्पताल में भर्ती होता है तो इस कार्ड के माध्यम से उसका इलाज किया जा सकता है।

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बच्चों का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहेगा
लखनऊ स्मार्ट सिटी लिमिटेड की इस अनूठी पहल से न केवल बच्चों में होने वाली बीमारियों का समय रहते पता चल जाएगा, बल्कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की गुणवत्ता बेहतर होने से इन बच्चों का शैक्षणिक स्तर भी बढ़ेगा और उनका भविष्य भी उज्ज्वल होगा। तैयार किया जा रहा डिजिटल हेल्थ रिपोर्ट कार्ड 130 पैरामीटर्स पर आधारित है। इसमें बच्चों की फिजियोथैरेपी से जुड़े सभी मापदंडों की जांच की जाती है, जिसमें सहनशक्ति, सहनशक्ति, मुद्रा और अन्य शामिल हैं। इसके अलावा बच्चों की आंखों की जांच की जाती है। अगर नजर कमजोर है तो मौके पर ही नंबर का चश्मा दिया जाता है। उनकी कलर ब्लाइंडनेस की जांच की जाती है, बच्चों का आंखों की बीमारी का पूरा टेस्ट होता है। इसके बाद बच्चे के दांतों और मुंह की जांच की जाती है। इसके अलावा बच्चे के सुनने और बोलने की क्षमता का भी परीक्षण किया जाता है, जो किसी भी स्वास्थ्य शिविर में नहीं होता। इसके अलावा बाल मनोविज्ञान, प्राथमिक चिकित्सा, स्वास्थ्य और स्वच्छता जैसे विषयों पर कार्यशाला भी आयोजित की जाती है।

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