यूपीएससीः बिहार के विशाल बने गुदड़ी के लाल, ऐसी गरीबी में भी हासिल किया 484 वां रैंक

अपनी लगन और हिम्मत से मजदूर माता-पिता के बेटे ने देश की प्रतिष्ठित संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षा में सफलता प्राप्त की है।

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‘कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो”। इसे चरितार्थ किया है बिहार में मुजफ्फरपुर जिले के विशाल ने। अपनी लगन और हिम्मत से मजदूर मां-बाप के इस बेटे ने देश की प्रतिष्ठित संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षा में सफलता प्राप्त की है। उन्हें 484 वां रैंक मिला है।

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सफलता के पीछे मां की कड़ी मेहनत
मुजफ्फरपुर के मीनापुर प्रखंड स्थित मकसूदपुर गांव के रहनेवाले विशाल के पिता की मौत 2008 में ही हो चुकी है। पिता मजदूरी करते थे। सिर से पिता का साया उठने के बाद विशाल की मां ने बकरी और भैंस पालन कर परिवार का खर्चा उठाना शुरू किया। मां ने अपने बेटे को कभी अहसास नही होने दिया कि उसके पिता नही हैं।

विपरीत परिस्थियों में भी नहीं हारी हिम्मत
विशाल की मां ने कहा विशाल बचपन से ही मेधावी रहा है। पिता की मौत के बाद भी हिम्मत नहीं हारी। 2011 में मैट्रिक की परीक्षा में जिला टॉप कर चुका है। छोटे भाई राहुल ने बताया कि बड़े भाई विशाल ने काफी संघर्ष करके इस मुकाम को पाया है। पैसे की कमी की वजह से उन्होंने जॉब भी किया। उन्होंने पूर्व डीजीपी अभ्यानंद के सुपर 30 में पढ़ाई की। आईआईटी कानपुर से बी-टेक करने के बाद साल भर नौकरी की। फिर यूपीएससी की तैयारी शुरू की और वह सफल रहे।

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