दिल्ली में मौत का उपहार… देर है पर अंधेर नहीं

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दिल्ली के कुप्रसिद्ध उपहार सिनेमा अग्निकांड में बड़ा निर्णय सामने आया है। दिल्ली के पटियाला न्यायालय ने गोपाल अंसल और सुशील अंसल को 7 वर्ष की सजा सुनाई है। इसके अलावा उन पर अर्थ दंड भी लगाया गया है।

पच्चीस वर्ष पुराने इस प्रकरण में एक बार यह प्रतीत होने लगा था कि, अब न्याय नहीं मिलेगा, परंतु कहते हैं ना देर है पर अंधेर नहीं, वह सच हो गया। दिल्ली के पटियाला सत्र न्यायालय ने अंसल भाइयों के अलावा इस प्रकरण में पी.पी बत्रा, अनूप सिंह, दिनेश चंद शर्मा को भी दोषी करार दिया है। उपहार सिनेमा अग्नकांड में 120बी (आपराधिक षड्यंत्र), 201 (साक्ष्यों से छेड़छाड़), 409 (पब्लिक सर्वेंट द्वारा क्रिमिनल ब्रीच ऑफ ट्र्स्ट) के अंतर्गत दोषी पाया गया है। उपहार सिनेमा गृह के मालिक अंसल भाइयों पर इसके अंतर्गत 2.25 करोड़ रुपए प्रत्येक पर अर्थ दंड भी लगाया गया है।

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और समाप्त हो गई जिंदगी की फिल्म
13 जून, 1997 में दिल्ली के उपहार सिनेमा गृह में बॉर्डर फिल्म चल रही थी। मैटिनी शो लोग देख रहे थे। इस दौरान सिनेमा गृह में आग लग गई। इसमें 59 लोगों की दम घुटने और आग से मौत हो गई, जबकि 100 के लगभग लोग घायल हो गए। इस प्रकरण में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने सुशील अंसल और प्रणव अंसल को गिरफ्तार किया। इसके बाद प्रकरण सीबीआई के सुपुर्द कर दिया गया।

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