इस्लामीकरण के निशाने पर भारत… सामाजिक कार्यक्रम के नाम कलीम पढ़ा रहा था कलमा

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एटीएस की 6 टीमों की सर्विलांस और महीनों की मेहनत के बाद भारत के इस्लामीकरण की साजिश का मुख्य आरोपी गिरफ्तार कर लिया गया है। वह सामाजिक कार्यक्रम आयोजित करके अपने षड्यंत्र को पूरा कर रहा था। इसके लिए उसकी संस्था मदरसों को भी आर्थिक सहायता पहुंचाती थी।

उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक और मानवी सर्विलांस के आधार पर उत्तर प्रदेश एंटी टेरोरिज्म स्क्वॉड को सुदृढ़ जानकारी मिली कि मौलाना कलीम सिद्दीकी धर्मांतरण का बड़ा रैकेट संचालित कर रहा है। इसके लिए ‘जामिया इमाम वलीउल्ला’ नामक के गैर सरकारी संगठन उसने खोल रखा था। जिसमें देश विदेश से धन प्राप्त करता था।

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ऐसे काम करता था धर्मांतरण का आका
मौलाना कलीम देश में सामाजिक सौहार्द स्थापित करने के नाम पर कार्यक्रम आयोजित करता था। इसमें आए लोगों को आर्थिक सहायता और अन्य लालच देकर इस्लाम स्वीकार करने का कलमा मौलाना कलीम सिद्दीकी और उसके लोग पढ़ाते थे। जो इनके झांसे में नहीं आते थे, उन्हें ये जन्नत और जहन्नुम की बातें करके वरगलाते थे। जो लोग इनके झांसे में धर्मांतरित हो जाते थे उन्हें ये प्रशिक्षित करके अन्य लोगों को धर्मांतरित करने के काम में लगाते थे।

धर्मांतरण की यहां से होती थी फंडिंग
पुलिस के अनुसार मौलाना कलीम सिद्दिकी का लिखा धर्मांतरण का साहित्य ऑनलाइन और प्रिंट में उपलब्ध है। इन कार्यों में कलीम का संबंध पहले एटीएस द्वारा गिरफ्तार उमर गौतम से भी मिला है। उमर गौतम की संस्था अल हसन एजुकेशनल एंड वेलफेयर फाउंडेशन को फंडिंग करनेवाली संस्थाओं ने कलीम सिद्दिकी की संस्था जामिया इमाम वलीउल्लाह ट्रस्ट को फंडिंग की है।

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