भटक रहे थे बाघ के भूखे प्यासे दो शावक, फिर क्या हुआ? जानने के लिए पढ़ें ये खबर

17 मई की सुबह सिवनी जिले के बेलगांव के ग्रामीणों ने तेंदूपत्ता संग्रहण के दौरान पीपरताल तालाब के पास दो शावकों को देखा।

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मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के केवलारी विकासखंड के उगली थाना क्षेत्र के ग्राम बेलगांव अंतर्गत राजस्व क्षेत्र से लगे जंगल में भूख और प्यास से परेशान बाघ के दो शावकों को वन विभाग ने रेस्क्यू कर कान्हा नेशनल पार्क में छोड़ दिया गया।

18 मई को पेंच नेशनल पार्क के उपसंचालक रजनीश कुमार सिंह ने बताया कि सुबह सिवनी जिले के बेलगांव के ग्रामीणों ने तेंदूपत्ता संग्रहण के दौरान पीपरताल तालाब के पास दो शावकों को देखा।

ग्रामीणों ने दी सूचना
ग्रामीणों द्वारा दी गई सूचना वन विकास निगम बरघाट के माध्यम से पेंच टाइगर रिजर्व को दी गई। पेंच टाइगर रिजर्व के रेस्क्यू दल ने मौके पर पहुंच कर भीड़ को नियंत्रित करने के बाद लगभग 1 घंटे की मशक्कत के बाद बाघ के दो शावकों को रेस्क्यू किया। वन विभाग के अनुसार दोनों शावकों की उम्र 6 माह है। बाघ के शावकों को वन्य प्राणी चिकित्सक के स्वास्थ्य परीक्षण उपरांत कान्हा टाइगर रिजर्व में छोड़ दिया गया।

भूख से कमजोर हो गए थे शावक
ग्रामीणों ने बताया कि पानी और भूख से परेशान बाघ के दो शावकों को पीपरताल तालाब के पास देखा गया। जो शायद भूख के कारण बहुत कमजोर हो गये थे। ग्रामीणों ने दोनों को घेर लिया। कई ग्रामीण बाघ शावकों के 10 से 15 फिट दूरी से वीडियो बनाते रहे।

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