राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर तीनों सेना प्रमुखों ने कारगिल शहीदों को दी श्रद्धांजलि, सुर वीरों की याद में कही ये बात

इस कार्यक्रम में विदेश और संस्कृति राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे, जो एनएसडी के कलाकारों के शानदार प्रदर्शन से पूरी तरह रोमांचित थे।

143

पाकिस्तान पर कारगिल में जीत की 23वीं वर्षगांठ पूरा भारत पूरे जोश से मना रहा है। कारगिल विजय दिवस पर 26 जुलाई सुबह रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेना प्रमुखों के साथ राष्ट्रीय युद्ध स्मारक जाकर वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। रक्षामंत्री ने कहा कि मातृभूमि की रक्षा के लिए अत्यंत कठोर परिस्थितियों में बहादुरी से लड़ाई लड़ने वाले जवानों की वीरता और अदम्य भावना हमेशा भारत के इतिहास में निर्णायक क्षण के रूप में अंकित रहेगी। सेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय सेना राष्ट्र की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और आगे भी रहेगी।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट, तीनों सेना प्रमुखों और रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार ने कारगिल विजय दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक, नई दिल्ली में शहीद नायकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। कारगिल युद्ध में जीत की 23 वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में पब्लिक प्लाजा में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के कलाकारों ने अपना सर्वोच्च बलिदान करने वाले सैनिकों के पराक्रम और शौर्य का सम्मान करते हुए एक स्टेज शो ‘कारगिल एक शौर्य गाथा’ का प्रदर्शन किया। इस कार्यक्रम में विदेश और संस्कृति राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे, जो एनएसडी के कलाकारों के शानदार प्रदर्शन से पूरी तरह रोमांचित थे।

ये भी पढ़ें – पोप फ्रांसिस ने कनाडा में ईसाई मिशनरियों के दुर्व्यवहार के लिए माफी मांगी! जानिये क्या है पूरा मामला

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कारगिल विजय दिवस पर कहा कि भारत हमारे सशस्त्र बलों की बहादुरी, साहस और बलिदान को सलाम करता है। उन्होंने हमारी मातृभूमि की रक्षा के लिए अत्यंत कठोर परिस्थितियों में बहादुरी से लड़ाई लड़ी। उनकी वीरता और अदम्य भावना हमेशा भारत के इतिहास में एक निर्णायक क्षण के रूप में अंकित रहेगी। भारतीय सेना ने एक बयान में कहा कि कारगिल विजय दिवस उन बहादुरों की अदम्य बहादुरी और साहस की याद दिलाता है जिन्होंने अपने रक्त और बलिदान से इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय अंकित किया। उन्होंने दुश्मन के दुस्साहस और भारत को शानदार जीत का मुंहतोड़ जवाब दिया।

रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कारगिल विजय दिवस की 23वीं वर्षगांठ पर कृतज्ञ राष्ट्र कारगिल के योद्धाओं को श्रद्धांजलि देता है। न तो दुर्गम इलाका और न ही दुश्मन की गोलियों की बौछार उन्हें रोक सकी, यह हमारे वीरों के खून-पसीने से लिखी गई ताकत और बलिदान की गाथा है। 26 जुलाई को ‘कारगिल विजय दिवस’ के अवसर पर आइए हम उन वीरों को नमन करें जिन्होंने अपने शौर्य और पराक्रम से कारगिल युद्ध के दौरान हमारे देश की रक्षा की।

सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने बयान में कहा कि कारगिल विजय दिवस के गौरवशाली अवसर पर सभी वीरों के साहस और बलिदान को नमन। उनके शौर्य और पराक्रम ने दुश्मन के नापाक इरादों को नाकाम करते हुए ऐतिहासिक विजय दिलाई। भारतीय सेना राष्ट्र की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और आगे भी रहेगी।

उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी-इन-सी) लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि भारतीय सेना की वीरता और जीत के आगे पूरा देश नतमस्तक है। कारगिल विजय दिवस के माध्यम से हम उनके बलिदानों को कृतज्ञता की भावना के साथ याद करते हैं। मैं देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं कि भारतीय सेना का हर जवान देश की सुरक्षा के लिए समर्पित है और किसी भी चुनौती का सामना करने और किसी भी बलिदान के लिए हमेशा तैयार है। विजय दिवस की वर्षगांठ मनाने के लिए राइजिंग स्टार कॉर्प्स ने कठुआ (जम्मू और कश्मीर) जिले के बानी और मछेड़ी गांवों में सरकारी स्कूलों को खेल सामग्री प्रदान की।

कारगिल विजय दिवस के अवसर पर कैबिनेट मंत्री और क्षेत्रीय विधायक प्रेमचंद अग्रवाल ने अमर शहीद मनीष थापा की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। अंबेडकर पार्क में शहीद मनीष की याद में पौधा भी रोपित किया।

मंगलवार को रेलवे रोड स्थित कारगिल शहीद मनीष थापा की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित कर अग्रवाल ने कहा कि भारत के शूरवीरों ने दुश्मनों पांव पीछे खींचने पर मजबूर कर दिया था। 26 जुलाई 1999 को तीर्थनगरी के मनीष थापा ने अपने अन्य साथियों के साथ ऑपरेशन विजय को सफलतापूर्वक अंजाम देने में अहम भूमिका निभाई थी।

उन्होंने कहा कि देश की जनता के लिए कारगिल दिवस सिर्फ दिवस नहीं, बल्कि भारत के शूरवीरों की स्मृति का शौर्य दिवस है। यह दिवस उन शहीदों को याद कर अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करने का है, जिन्होंने हंसते-हंसते भारत मां की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए।

कारगिल शहीद मनीष के बड़े भाई मनोज थापा ने बताया कि मनीष ब्रावो कंपनी, गोरखा राइफल्स की थर्ड बटालियन में बतौर राइफलमैन के पद पर तैनात थे। 09 नवंबर 1999 को जम्मू कश्मीर के तंगधार में मात्र 22 वर्ष की अल्प आयु में वह दुश्मनों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे।

शहीद मनीष थापा को श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल, शहीद मनीष थापा की भतीजी मानवी, हर्षिता, मंडल अध्यक्ष भाजपा दिनेश सती, महामंत्री सुमित पंवार, मुख्य नगर आयुक्त राहुल गोयल, पार्षद शिव कुमार गौतम, सरदार सतीश सिंह आदि उपस्थित शामिल थे।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.