दिल्ली के ग्रामीण इलाकों में नहीं होगी पानी की कमी : उपमुख्यमंत्री

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दिल्ली के सभी लोगों को बेहतर जलापूर्ति मिल सके एवं सभी इलाकों में बेहतर सीवरेज नेटवर्क स्थापित हो सके इस दिशा में केजरीवाल सरकार द्वारा दिल्ली के विभिन्न ग्रामीण व शहरी इलाकों में पानी की पुरानी पाइपलाइनों-सीवर लाइनों को बदलकर नई पाइपलाइन व सीवर लाइने बिछाई जाएंगी।

इसे लेकर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जलबोर्ड के विभिन्न जगहों पर पाइपलाइन एवं सीवरलाइन बिछाने के प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी। इन सभी प्रोजेक्ट्स की कुल लागत 16.79 करोड़ रुपये है। इन प्रोजेक्ट्स के पूरा होने के बाद इससे जुड़े इलाके के पानी की आपूर्ति में सुधार होगा।

इस मौके पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्त्व में दिल्ली सरकार अपने हर नागरिकों तक बेहतर जलापूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम अपने विभिन्न प्रयासों के माध्यम से दिल्ली में 24/7 जलापूर्ति सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे है और चरणबद्ध तरीके से इस दिशा में काम कर रहे है। ऐसे इन इलाकों में पाइपलाइन बदलना एक महत्वपूर्ण कदम है।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली के सभी इलाकों में पानी की बाधारहित आपूर्ति सुनिश्चित करने की इस कड़ी में दिल्ली सरकार द्वारा हसनपुर गांव, मटियाला के खेड़ा डाबर गांव, पंडवाला खुर्द गांव व सारंगपुर गांव में पुरानी क्षतिग्रस्त पानी की लाइनों को बदलने की मंजूरी दी गई है। इसके अलावा, बुराड़ी के नंगली पुना, झरोदा हरीजन बस्ती व कमल विहार में भी पानी की लाइनों में को बदलकर जलापुर्ति में सुधार किया जाएगा।

साथ ही लक्ष्मी नगर के मंगल बाजार रोड से विकास मार्ग ट्रंक सीवर तक मुख्य पेरिफेरल सीवर लाइन, गणेश नगर-द्वितीय से मधुवन चौक तक मुख्य पेरिफेरल सीवर लाइन, साउथ गणेश नगर से गणेश चौक तक मुख्य पेरिफेरल सीवर और आरके पुरम के शांति निकेतन सीवर लाइन को बदला जाएगा।

पुरानी सीवर लाइनों को आधुनिक एचडीडी पद्धति से बदला जाएगा

सरकार की ओर से पुरानी सीवर लाइनों को आधुनिक एचडीडी पद्धति से बदला जाएगा। इसके तहत मंगल बाजार रोड से विकास मार्ग ट्रंक सीवर एसी-58 तक मुख्य पेरिफेरल सीवर लाइन को एचडीडी पद्धति से बदला जाएगा।

वहीं, गणेश नगर-द्वितीय से मधुवन चौक तक मुख्य पेरिफेरल सीवर लाइन और साउथ गणेश नगर से गणेश चौक तक मुख्य पेरिफेरल सीवर लाइन को एचडीडी पद्धति से बदला जाएगा। आरके पुरम के शांति निकेतन सीवर लाइन को भी बदला जाएगा। सीवर लाइन बदलने के दौरान अतिरिक्त उत्खनित मिट्टी का इस्तेमाल पार्कों और नर्सरी में डालने के लिए किया जाएगा।

नई पाइपलाइन से इन इलाकों में रहने वाले लोगों को नहीं होगी पानी की कमी

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सिसोदिया ने बताया कि कई इलाके ऐसे है जहां 25 से 30 साल पहले पाइप लाइनें बिछाई गई थी, ऐसे में पाइप लाइनें पुरानी होने के कारण क्षतिग्रस्त स्थिति में थी। उन्होंने कहा कि पाइपलाइनों को बदलने से इन इलाकों में रहने वाले लोगों को पानी की कमी नहीं होगी और यहां पानी की बाधारहित आपूर्ति की जा सकेगी।

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