देश में टीके की कमी को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उसने रुसी टीका स्पूतनिक वी बनाने की मंजूरी दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को दे दी है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने एसआईआई को परीक्षण और विश्लेषण के साथ ही स्पूतनिक वी बनाने की भी हरी झंडी दे दी है।
बता दें कि कोविशील्ड वैक्सीन बनाने वाली कंपनी एसआईआई ने कोरोना वायरस रोधी टीका स्पूतनिक वी बनाने की अनुमति मांगी थी। इसके लिए उसने भारत के डीसीजीआई को आवेदन दिया था।
डॉ. रेड्डीज लैबोरेट्रीज कर रही है निर्माण
बता दें कि हैदराबाद की दवा निर्माता कंपनी डॉ. रेड्डीज लैबोरेट्रीज भारत में स्पूतनिक वी टीके का उत्पादन पहले से ही कर रही है। कंपनी ने इस साल के अंत तक स्पूतनिक वी की 85 करोड़ खुराक बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। शुरू में कुछ लाख वैक्सीन के उत्पादन के बाद इसके निर्माण में तेजी लाई जाएगी।
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टीके की किल्लत कमी को दूर करना जरुरी
देश में अप्रैल और मई महीने में कोरोना महामारी ने तबाही मचाई थी, हालांकि अब संक्रमण में काफी कमी आई है और हर दिन इसके आंकड़ों में गिरावट देखी जा रही है। लेकिन विशेषज्ञों ने इसकी तीसरी लहर आने की चेतावनी दी है। उसे देखते हुए सरकार ने वैक्सीनेशन की गति तेज करने का निर्णय लिया है, लेकिन वैक्सीन की कमी के कारण इसमें मुश्किलें आ रही हैं। इसलिए सरकार विदेशों से वैक्सीन मंगाने के साथ ही देश में भी ज्यादा से ज्यादा टीका बनाने का प्रयास कर रही है।
साल के अंत तक सभी वयस्कों के वैक्सीनेशन का लक्ष्य
इसका एक कारण यह भी है सरकार ने इस साल के अंत तक देश के सभी वयस्क लोगों के टीकाकरण की घोषणा की है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए देश में बड़े पैमाने पर टीके की जरुरत है। वयस्कों के बाद बच्चों का भी वैक्सीनेशन किया जाना है, जो इस साल मुश्किल दिख रहा है।