देश में हर तरफ आर्थिक तंगी का रोना है। लाखों लोग आज भी गरीबी रेखा के नीचे जीने को मजबूर हैं। कई क्षेत्रों में बच्चे कुपोषण के शिकार हो रहे हैं। लोग पैसे के अभाव में आत्महत्या तक कर रहे हैं। इस स्थिति में देश के कई संस्थानों में हजारों करोड़ रुपए का यूं ही पड़े होना हैरत की बात है लेकिन यह सच है।
देश में फिलहाल कहां और कितना पैसा पड़ा है, यह दावे के साथ कहना संभव नहीं है। लेकिन जितनी जानकारी प्राप्त हुई है, उसके मुताबिक काफी बड़ी रकम देश के सरकारी संस्थानों में लावारिस हैं और उनका कोई दावेदार नहीं है।
कहां, कितनी लावारिस रकम?
देश में कुल 80 हजार करोड़ का कोई वारिस नहीं है। इसमें करीब 26,497 करोड़ रुपये भविष्य निधि (ईपीएफओ) में, 18,391 करोड़ रुपये बैंक खातों में, 17,880 करोड़ रुपये म्यूचुअल फंड में और 15,167 करोड़ रुपये बीमा कंपनियों में हैं। सावधि जमा योजना में 4,820 करोड़ रुपये जमा राशि का कोई दावेदार नहीं है।
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नॉमिनी नहीं होने से नहीं मिल रहे हैं दावेदार
पीएफ खाते में करीब 26,497 करोड़ रुपये जमा हैं, जिसका कोई वारिस या दावेदार नहीं है। यह राशि धीरे-धीरे बढ़ रही है। इसी तरह बैंक के पास कई टर्म डिपॉजिट हैं, जिनके दावेदार मैच्योरिटी के बाद भी नहीं आए हैं। बैंक, डीमैट और अन्य खातों में कुल मिलाकर 80,000 करोड़ रुपये से अधिक यूं ही पड़े हैं। इनका कोई वारिस नहीं है।