कोरोना के कारण सुसाइड पर केंद्र को सर्वोच्च निर्देश!

शपथ पत्र में केंद्र के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोरोना से मरने वालों को आसानी से प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने के संबंध में निर्देश दिए हैं।

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सर्वोच्च न्यायालय ने कोरोना काल में सुसाइड करने वालों के मामले में केंद्र को महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। न्यायालय ने कहा कि अगर कोरोना से परेशान होकर कोई आत्महत्या करता है तो उसे कोरोना से हुई मौत माना जाना चाहिए। उसने इस संबंध में केंद्र सरकार को राज्य को नए दिशानिर्देश जारी करने का आदेश दिया है।

जस्टिस एमआर शाह की बेंच ने इस बारे में कहा, ‘हमने आपका शपथ पत्र देखा है, लेकिन कुछ और बातों पर भी ध्यान देने की जरुरत है।’

शपथ पत्र में यह है
बता दें कि शपथ पत्र में केंद्र के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोरोना से मरने वालों को आसानी से प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने के संबंध में निर्देश दिए हैं। इसमें जहर खाने या अन्य तरह की दुर्घटना से मौत होने पर उसे कोरोना से मौत नहीं माना जाएगा, भले ही यह भी एक कारण हो।

पहले के मामलों में भी निर्देश पर हो अमल
सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने कहा कि कोरोना के कारण सुसाइड करने वालों की कोविड से हुई मौत नहीं मानना उचित नहीं है। उन्हें भी कोरोना से हुई मौत का प्रमाण पत्र दिया जाना चाहिए। पीठ ने यह भी कहा कि जिन मामलों में पहले मना कर दिया गया था, उन्हें भी इस तरह के प्रमाण पत्र जारी किए जाएं। केंद्र इस बारे में राज्य सरकारों को दिशानिर्देश जारी कर सूचित करे।

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आपदा प्रबंधन कानून के तहत मुआवजे के बारे में मांगा ब्योरा
बता दें कि केंद्र सरकार ने कोरोना से मरने वालों के परिवार को मुआवजा देने से मना कर दिया था, जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया था। लेकिन न्यायालय ने पूछ है कि आपदा प्रबंधन कानून के तहत मुआवजा के लिए क्या किया गया है, इस बारे में केंद्र न्यायालय को जानकारी उपलब्ध कराए। मामले में एसजी तुषार मेहता ने 23 सितंबर को सरकार द्वारा ब्योरा उपलब्ध कराए जाने की जानकारी दी है।

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