सर्वोच्च न्यायलय ने जम्मू के रोहिंग्या शरणार्थियों को लेकर अपना फैसला सुना दिया है। न्यायालय ने अपने फैसले में उन्हें राहत देने से इनकार करते हुए उनके मूल देश में प्रत्यर्पित करने का आदेश दिया है।
सर्वोच्च न्यायालय ने प्रत्यर्पण प्रक्रिया को पूरा कर उनके मूल देश में वापस भेजने का आदेश दिया है। बता दें कि उनके वापस भेजने पर रोक लगाने और पुलिस हिरासत से बाहर करने के लिए रोहिंग्या मुसलमान मोहम्मद सलीमुल्लाह ने न्यायालय में याचिका दायर की थी। न्यायालय ने उस याचिका पर रोहिंग्या शरणार्थियों को राहत देने से इनकार कर दिया।
Supreme Court pronounces order on a plea against detention of around 170 Rohingyas in Jammu last month & their possible deportation. CJI says that the Rohingyas shall not be deported unless a procedure for such deportation is followed; disposes off appeals filed in the case. pic.twitter.com/5TIfGajmAe
— ANI (@ANI) April 8, 2021
डिटेंशन सेंटर में रखे गए हैं रोहिंग्या
बता दें कि जम्मू के स्थानीय प्रशासन द्वारा अवैध रूप से रहनेवाले रोहिंग्या मुसलमानों को डिटेंशन सेंटर में बंद किया गया है और उन्हें प्रत्यर्पित करने की योजना है। इस कार्रवाई के विरोध में शरणार्थी के रूप में भारत में रहनेवाले रोहिंग्या मुसलमान मोहम्मद सलीमुल्लाह ने याचिका दायर की है। इस पर 26 मार्च को आदेश सुरक्षित रख लिया गया था। अब सर्वोच्च न्यायालय का आदेश इन रोहिंग्या को डिटेंशन सेंटर से बेल मिलेगी या जेल से होगा प्रत्यर्पण इस पर नजर लगी हुई है।
वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण रखा पक्ष
इस प्रकरण में रोहिंग्या याचिकाकर्ता का पक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण रखा। उन्होंने अपनी दलील में दावा किया था कि जम्मू में रहनेवाले रोहिंग्या संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग के शरणार्थी (युनाइटेड नेशन्स कनवेन्शन और रिफ्यूजीज़) समझौते के अनुरूप रहते हैं।
जम्मू में बसने का एक कारण यह भी
जम्मू में इनके बसने के पीछे एक कारण यह भी माना जा रहा है कि कश्मीर आतंकवाद प्रभावित क्षेत्र होने के कारण वहां स्थानीय प्रशासन से लेकर सेना तक काफी सक्रिय रहती है। सेना द्वारा आतंकवाद और आतंकवादियों के खिलाफ हमेशा अभियान चलाये जाने के कारण वहां इनके पकड़े जाने का खतरा हमेशा बना रहता है।
हीरानगर जेल में बनाया गया है होल्डिंग सेंटर
बता दें कि कठुआ के हीरानगर जेल में इनके लिए होल्डिंग सेंटर बनाया गया है। 6 मार्च से जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने जम्मू में रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों की बायोमिट्रिक जानकारी समेत अन्य तरह के विवरण जुटाने का काम शुरू किया है।
राष्ट्रीयता का वेरिफिकेशन
विदेशी अधिनियम के तहत यह होल्डिंग सेंटर बनाया गया है। एक होल्डिंग सेंटर में कम से कम 250 लोग रह सकते हैं। अधिकारियों ने बताया कि होल्डिंग सेंटर भेजने के बाद इन सबकी राष्ट्रीयता का वेरिफिकेशन किया जाएगा। इसके बाद अवैध रुप से रह रहे इन लोगों को वापस उनके देश भेजा जाएगा। फिलहाल कड़ी सुरक्षा के बीच एमएएम स्टेडियम में म्यांमार से आए रोहिंग्या मुसलमानों का वेरिफिकेशन किया जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार पहले इनका कोरोना टेस्ट किया जा रहा है। उसके बाद अन्य तरह की जांच की जा रही है।