कृपया ध्यान दें! बच्चे हो रहे हैं ऑनलाइन गेमिंग के शिकार

ऑनलाइन गेम लगभग हर किसी गेमिंग प्लेटफॉर्म जैसे पीसी, कंसोल और मोबाइल डिवाइस पर देखे जा सकते हैं। ऑनलाइन गेमिंग को फोन या टैबलेट का उपयोग कर भी खेला जा सकता है, जो गेम की लत का एक सामान्य कारक है।

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केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने ऑनलाइन-गेमिंग की बढ़ती प्रवृति से विद्यार्थियों के अभिभावकों को सचेत किया है। एक सरकारी प्रवक्ता ने इस बारे में बताया कि प्रौद्योगिकी के नए युग में ऑनलाइन गेमिंग, इसमें निहित चुनौतियों की वजह से बच्चों के बीच बहुत लोकप्रिय हो रहा है। क्योंकि ये चुनौतियां उनमें उत्तेजना बढ़ाती हैं और उन्हें अधिक खेलने के लिए प्रेरित करती हैं। इससे बच्चों को इसकी लत लग सकती है। ऑनलाइन गेम या तो इंटरनेट पर या किसी अन्य कंप्यूटर नेटवर्क से खेले जा सकते हैं।

नशे की तरह हैं ऑनलाइन गेम
ऑनलाइन गेम लगभग हर किसी गेमिंग प्लेटफॉर्म जैसे पीसी, कंसोल और मोबाइल डिवाइस पर देखे जा सकते हैं। ऑनलाइन गेमिंग को फोन या टैबलेट का उपयोग कर भी खेला जा सकता है, जो गेम की लत का एक सामान्य कारक है। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग की लत को गेमिंग डिसऑर्डर के रूप में जाना जाता है।

गेमिंग डिसऑर्डर का खतरा
खेल को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि प्रत्येक स्तर पिछले की तुलना में अधिक जटिल और कठिन होता है। यह एक खिलाड़ी को खेल में आगे बढ़ने और अंतिम सीमा तक जाने के लिए उकसाने का कारण बनता है।। इसलिए, बिना किसी प्रतिबंध और आत्म-संयम के ऑनलाइन गेम खेलने से कई खिलाड़ी इसके आदी हो जाते हैं और अंतत: उनमें गेमिंग डिसऑर्डर पाया जाता है।

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