बिहार में जहरीले जाम से जान खोनेवालों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। सुशासन बाबू कहे जानेवाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछली सरकार में राज्य में शराब बंदी लागू की थी। इसके बाद भी राज्य में शराब बिक रही है, जिसके पीछे शराब माफिया का हाथ बताया जा रहा है।विपक्ष ने सरकार को घेरा है और सुशासन बाबू के नाम से पहचाने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उनका कुशासन याद दिलाया है।
राज्य में पिछले 15 दिनों में 40 लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें गोपालगंज से 17, सीवान में 6, बेतिया में 13 और मुजफ्फरपुर में 6 लोगों की जान जा चुकी है। बिहार सरकार द्वारा जहरीली शराब के पीछे षड्यंत्र की आशंका भी व्यक्त की गई है। सरकार ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
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सीमा पार से आती है शराब
पश्चिमी चंपारण के बेतिया और गोपालगंज में 21 लोगों की मौत जानलेवा शराब ने ले ली है। इस विषय में मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार ने बताया है कि अब तक मद्य निषेध विभाग द्वारा 700 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया है कि सीमा मार्ग से प्रतिदिन हजारो की संख्या में गाड़ियां आती हैं, जिन पर कार्रवाई भी की जाती है, लेकिन इसके बावजूद राज्य में मद्य पदार्थों का आयात हो ही जाता है।
पुलिस ने शुरू किया निलंबन
बिहार पुलिस के एडीजी पुलिस मुख्यालय जितेंद्र गंगवार ने बताया कि इस प्रकरण की जांच की जा रही है। इस बीच कार्रवाई के रूप में स्थानीय चौकीदार और संबंधित पुलिस थाने के थानेदार को निलंबित कर दिया गया है।