मानसिक समस्याओं का कारण बन रहा सोशल मीडिया? जानें, क्या है तथ्य

लोगों में बढ़ते इंटरनेट प्रयोग के कारण आने वाली उपरोक्त समस्याओं की जागरूकता की कमी के चलते कोई इन पर ध्यान नहीं देता है।

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इंटरनेट के बढ़ते उपयोग के कारण लोगों की जीवन शैली बदल गयी है, जिसके कारण आये दिन नई-नई मानसिक एवं शारीरिक समस्याएं लोगों में नजर आने लगी हैं। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के मानसिक चिकित्सा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. विवेक अग्रवाल ने बताया कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म के अधिकाधिक प्रयोग के कारण लोगों में मानसिक समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।

मोबाइल ज्यादा उपयोग करने का दुष्परिणाम
प्रो. विवेक ने बताया कि मोबाइल पर अधिक समय देने के कारण नींद की कमी, मोटापा, नेत्र संबंधी समस्याएं और मस्कुलोकेलेटन जैसी समस्यायें हो रही हैं। इसके अलावा अत्याधिक इंटरनेट के उपयोग के कारण मानसिक विकारों जैसे अवसाद, चिंता, नकारात्मक जीवन की घटनाओं, भावनात्मक अस्थिरता, निराशा और असहनशीलता आदि देखने को मिलते हैं।

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समय की बर्बादी
बताया कि आज लगभग 60 प्रतिशत आबादी इंटरनेट का नियमित इस्तेमाल करती है। भारत में रोजाना औसतन मोबाईल पर तीन घण्टे खर्च किए जाते हैं, जिनमें से दो तिहाई समय सोशल मीडिया प्लेटफार्म उपयोग करने के लिए तय होता है।

 जागरूकता जरुरी
उनकी मानें तो लोगों में बढ़ते इंटरनेट प्रयोग के कारण आने वाली उपरोक्त समस्याओं की जागरूकता की कमी के चलते कोई इन पर ध्यान नहीं देता और परिणाम स्वरूप इससे आने वाली मानसिक एवं शारीरिक समस्याओं में वृद्धि हो रही है। जरूरत है कि ऐसे विषय पर नियमित चर्चा, उचित प्रशिक्षण हो जिससे लोगों को तकनीकी उपयोग से आने वाली मानसिक समस्याओं के लक्षणों को पहचानने के लिए जागरूक बनाया जाये।

मानसिक चिकित्सा विभाग का स्थापना दिवस समारोह
मानसिक चिकित्सा विभाग का 51वां स्थापना दिवस समारोह 30 अप्रैल को है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. बिपिन पुरी और वक्ता के रूप में प्रोफेसर मनोज कुमार शर्मा (नैदानिक मनोवैज्ञानिक विभाग, एन0आई0एम0एच0ए0एन0एस0) होंगे। इस कार्यक्रम में ‘प्रौद्योगिकी की लत और इसके मनोसामाजिक संबंध’ के विषय पर चर्चा होगी।

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