Shubhanshu Shukla: सुधांशु शुक्ला अंतरिक्ष यात्री के रूप में इतिहास रचने को तैयार, जानिये कौन हैं वो?

भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) का दौरा करने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री के रूप में इतिहास बनाने के लिए तैयार हैं।

50

Shubhanshu Shukla: भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) का दौरा करने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री के रूप में इतिहास बनाने के लिए तैयार हैं। वह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के 11 जून को होने वाले एक्सिओम-4 मिशन का हिस्सा होंगे। ग्रुप कैप्टन शुक्ला सोवियत रूस के सोयुज अंतरिक्ष यान पर 1984 के ऐतिहासिक मिशन के 41 साल बाद अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय हैं। वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की सुरक्षित और सफल यात्रा के लिए शुभकामनाएं दीं हैं।

अंतरिक्ष सहयोग में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर
इसरो के अध्यक्ष डॉ. वी. नारायणन के मुताबिक एक्सिओम स्पेस का यह चौथा निजी अंतरिक्ष यात्री मिशन नासा के साथ भारत के बढ़ते अंतरिक्ष सहयोग में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इसरो का यह मिशन पहले मंगलवार को लांच किया जाना था, लेकिन सोमवार को घोषणा की कि प्रतिकूल मौसम के कारण अब एक्सिओम-4 मिशन का प्रक्षेपण 11 जून को शाम 5:30 बजे के लिए पुनर्निर्धारित किया गया है। एक्स-4 क्रू में भारत, पोलैंड और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं। तीनों देशों के लिए यह आईएसएस के लिए उनका पहला मिशन है। एक्सिओम स्पेस के अनुसार एक्स-4 चार दशकों में भारत के लिए दूसरा सरकारी प्रायोजित मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन भी है।

अंतरिक्ष की यात्रा पर 41 साल बाद जाने वाले दूसरे भारतीय
इस मिशन में शामिल किये गए भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष की यात्रा पर 41 साल बाद जाने वाले दूसरे भारतीय हैं। इससे पहले सोवियत रूस के सोयुज अंतरिक्ष यान पर 1984 में राकेश शर्मा को भेजा गया था। उनके साथ यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के प्रोजेक्ट अंतरिक्ष यात्री स्लावोज उज़्नान्स्की 1978 के बाद से दूसरे पोलिश अंतरिक्ष यात्री बनेंगे, जबकि टिबोर कापू 1980 के बाद से हंगरी के दूसरे राष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्री होंगे। अनुभवी अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन एक्स-4 मिशन की कमान संभालेंगी।उनकी यह दूसरी वाणिज्यिक मानव अंतरिक्ष उड़ान है।

पूरी तरह तैयार
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला एक्सिओम-4 अंतरिक्ष मिशन पर जाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। वायु सेना प्रमुख और भारतीय वायु सेना के सभी एयर वॉरियर्स ने उन्हें और एक्सिओम-4 के पूरे क्रू को शुभकामनाएं दी हैं। वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने उनसे वर्चुअल बातचीत करके अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की सुरक्षित और सफल यात्रा के लिए बधाई दी है। अपने साथी क्रू मेंबर्स के बारे में बात करते हुए ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने कहा कि मैं जिस टीम के साथ इस मिशन पर उड़ान भर रहा हूं, वह शानदार है। मुझे लगता है कि मेरे पास बेहतरीन क्रूमेट्स हैं। इस एक उड़ान के लिए मेरे पास ये क्रू मेंबर्स होंगे।

एक अद्भुत यात्रा
उन्होंने कहा कि इस मिशन के बाद ये मेरे जीवन भर के दोस्त बन जाएंगे। यह एक अद्भुत यात्रा है। ये ऐसे पल हैं, जो वास्तव में आपको बताते हैं कि आप किसी ऐसी चीज का हिस्सा बन रहे हैं, जो आपसे कहीं बड़ी है। मैं केवल इतना कह सकता हूं कि मैं इसका हिस्सा बनकर भाग्यशाली हूं। अपने मिशन के जरिए मैं देश में एक पूरी पीढ़ी को प्रेरित करने का ईमानदार प्रयास कर रहा हूं। मैं इस अवसर का उपयोग बच्चों में जिज्ञासा जगाने के लिए करना चाहता हूं। अगर मेरी कहानी किसी अन्य की जिंदगी बदलने में सक्षम है, तो यह मेरे लिए बहुत बड़ी सफलता होगी।

11 years of Modi Government: जानिये एक बेबस देश कैसे बन गया शक्तिशाली भारत, क्या-क्या बदला?

31 देशों का प्रतिनिधित्व
एक्स-4 मिशन में अमेरिका, भारत, पोलैंड, हंगरी, सऊदी अरब, ब्राजील, नाइजीरिया, यूएई और कई यूरोपीय देशों सहित 31 देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले लगभग 60 वैज्ञानिक अध्ययन और गतिविधियां शामिल होंगी। मिशन में अमेरिका, भारत, पोलैंड (ईएसए के साथ साझेदारी में) और हंगरी के शोध पोर्टफोलियो पर विशेष जोर दिया जाएगा। इसका उद्देश्य विविध हितधारकों को शामिल करके, माइक्रोग्रैविटी अनुसंधान के लाभों को बढ़ावा देकर और अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक सहयोग को मजबूत करके इन देशों में भागीदारी को व्यापक बनाना है। अध्ययनों से मानव स्वास्थ्य, पृथ्वी अवलोकन, जैविक और भौतिक विज्ञान जैसे क्षेत्रों में वैश्विक समझ का विस्तार होने की उम्मीद है।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.