श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद मामले को लेकर 8 अगस्त को दोपहर बाद मथुरा जनपद के दो न्यायालयों में सुनवाई हुई। सुनवाई को दौरान विपक्ष के अधिवक्ताओं ने दलील दी कि वादी पक्ष ने प्रकरण से जुड़े दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए हैं और दस्तावेज देने में भी आनाकानी कर रहे हैं। शैलेंद्र सिंह के उपस्थित न होने पर ईदगाह कमेटी ने जताई आपत्ति जताते हुए कहा कि जब बार-बार वादी उपस्थित नहीं हो रहे हैं तो इस तरह वाद चलाने से फायदा क्या। मनीष यादव के अधिवक्ता ने सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को दस्तावेज सौंपे हैं। कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 26 अगस्त को तय की है। यह सुनवाई महज 20 मिनट तक ही चली।
गौरतलब हो कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि प्रकरण को लेकर जनपद के सिविल जज सीनियर डिविजन एडीजे-7 और जिला जज की कोर्ट में 10 वाद से अधिक मामले न्यायालय में विचाराधीन हैं। समय-समय पर वादी गण द्वारा पक्ष विपक्ष अधिवक्ता न्यायालय में उपस्थित होकर अपनी दलील पेश करते हैं और न्यायालय द्वारा अग्रिम तारीख भी निर्धारित की जाती है।
8 अगस्त की शाम शाही ईदगाह मस्जिद के सचिव तनवीर अहमद ने बताया बड़ी विडंबना है कि वादी पक्ष द्वारा कहा गया है कि मामले का 4 महीने में निस्तारण होना चाहिए। लेकिन जिस दिन सुनवाई होती है, उस दिन न्यायालय से समय मांग लिया जाता है। दूसरे पक्ष के अधिवक्ता द्वारा इस प्रकरण को लेकर गंभीर नहीं हैं। सुन्नी वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता द्वारा पत्रावली कई बार मांगी गई थी, लेकिन वादी द्वारा उपलब्ध नहीं कराई गई। आज न्यायालय में प्रकरण को लेकर बहस हुई थी, मामले की अगली सुनवाई 26 अगस्त को तय की गई है।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान के अधिवक्ता ने दी जानकारी
वहीं, श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान के अधिवक्ता मुकेश खंडेलवाल ने बताया कि सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में सुनवाई हुई थी, प्रतिवादी पक्ष को श्रीकृष्ण जन्मभूमि प्रकरण को लेकर पत्रावली उपलब्ध न कराने के कारण मामले की अगली सुनवाई 26 अगस्त को तय की गई है। सुनवाई के दौरान पक्ष विपक्ष के अधिवक्ता कोर्ट में मौजूद रहे। पक्ष विपक्ष अधिवक्ता न्यायालय में उपस्थित होकर दोपहर 2 बजे के बाद अपनी दलीलें पेश कीं, भगवान श्रीकृष्ण के वंशज मनीष यादव और 7 लॉ स्टूडेंट के प्रार्थना पत्र पर यह सुनवाई हुई। जनपद के सिविल जज सीनियर डिवीजन और अपर जिला न्यायाधीश सेवन की कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई।
शैलेन्द्र सिंह के अनुपस्थित होने से नाराज हुआ शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी, दस वादों पर सुनवाई
वादी के अधिवक्ता दीपक शर्मा ने बताया कि इस मामले में अब सुनवाई के लिए 26 अगस्त की तिथि नियत की गई है। उधर, लखनऊ निवासी अधिवक्ता शैलेंद्र सिंह ने एडीजे सप्तम के न्यायालय में वाद दायर कर समस्त सनातन धर्मियों की ओर से वाद दाखिल करने की अनुमति मांगी थी। इस पर एडीजे सप्तम के न्यायालय में सुनवाई होनी थी। लेकिन एडीजे सप्तम के अवकाश पर होने के कारण एडीजे पंचम के न्यायालय में सुनवाई की फाइल पहुंची। शैलेंद्र सिंह के न्यायालय में उपस्थित न होने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी। शैलेंद्र सिंह की ओर से प्रार्थना पत्र देकर सुनवाई की तिथि बढ़ाने की मांग की गई। इस पर शाही मस्जिद ईदगाह के सचिव एडवोकेट तनवीर अहमद ने आपत्ति जताई कि जब बार-बार वादी उपस्थित नहीं हो रहे हैं, तो इस तरह वाद चलाने से फायदा क्या। न्यायालय ने अगली सुनवाई के लिए 11 अगस्त की तारीख तय की है। उधर, सिविल जज सीनियर डिवीजन के न्यायालय में पूर्व में लखनऊ निवासी पंकज ने वाद दायर कर श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर से शाही मस्जिद ईदगाह हटाने की मांग की थी। लेकिन लगातार सुनवाई में अनुपस्थित रहने के कारण उनका वाद न्यायालय ने खारिज कर दिया है। अब इस मामले से संबंधित न्यायालय में केवल 10 वाद पर सुनवाई होनी है।
याचिकाएं हो चुकी हैं खारिज
अखिल भारत हिंदू महासभा राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष की दो याचिकाएं न्यायालय की तरफ से पहले ही खारिज की जा चुकी हैं। जिसमें विवादित स्थान शाही ईदगाह मस्जिद परिसर में पूजा अर्चना और भगवान का जलाभिषेक करने की अनुमति मांगी गई थी। न्यायालय द्वारा याचिकाएं खारिज की जा चुकी हैं।