केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला ने मुंबई पुलिस द्वारा पूछताछ के लिए जारी किए गए समन के खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख किया है। शुक्ला ने हैदराबाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि मुंबई पुलिस द्वारा पूछताछ के लिए उनका मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा है। याचिका पर 6 मई को सुनवाई होगी। रश्मि शुक्ला फिलहाल केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर हैं और हैदराबाद में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में अतिरिक्त महानिदेशक( एडीजी) के पद पर कार्यरत हैं।
बता दें कि रश्मि शुक्ला ने मुंबई में खुफिया विभाग में अपने कार्यकाल के दौरान कुछ मंत्रियों के फोन टैप किए थे। राज्य सरकार का कहना है कि इसके लिए उन्होंने राज्य के अतिरिक्त सचिव से मंजूरी नहीं ली थी। इसी मामले में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
महाराष्ट्र सरकार पर मानसिक रुप से परेशान करने का आरोप
इससे पहले रश्मि शुक्ला ने कहा था कि वह कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के कारण पूछताछ के लिए वह मुंबई नहीं आ सकती हैं। उसके बाद उनको एक और समन जारी किया गया है, जिसमें मामले की जांच और पूछताछ के लिए उन्हें पेश होने को कहा गया है। वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने 29 अप्रैल को हैदराबाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि उन्हें महाराष्ट्र सरकार द्वारा मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है। उनकी इस याचिका पर 6 मई को सुनवाई होगी।
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हैदराबाद के साथ ही रश्मि शुक्ला ने बॉम्बे हाई कोर्ट में भी एक याचिका दायर की है। उन्होंने यह याचिका मुंबई पुलिस द्वारा अपने खिलाफ एक्शन लिए जाने से बचने के लिए दायर की है।
IMP – IPS officer Rashmi Shukla has approached the Bombay High Court seeking "no-coercive" action against her in the FIR registered by the #MumbaiPolice. She is accused of leaking sensitive documents related to police postings. #ParambirSingh @MumbaiPolice
— Live Law (@LiveLawIndia) May 3, 2021
ये है मामला
वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला पर राज्य के खुफिया विभाग के प्रमुख रहते हुए महाराष्ट्र के कुछ मंत्रियों के अवैध रुप से फोन टैप करने का आरोप है। इसे लेकर मुंबई साइबर अपराध शाखा में मामला दर्ज किया गया है। साइबर अपराध शाखा ने 28 अप्रैल को शुक्ला को पूछताछ के लिए पेश होने के लिए बुलाया था। हालांकि, शुक्ला ने कहा था कि फिलहाल उनके लिए पूछताछ के लिए मुंबई आना संभव नहीं है और अगर कोई जल्दबाजी है, तो मेल पर सवाल भेजें और मैं उसका जवाब दे दूंगी। चूंकि शुक्ला 28 अप्रैल को पेश नहीं हुई थीं, साइबर विभाग ने उन्हें एक और समन भेजा है, जिसमें उन्हें 3 मई को पेश होने के लिए कहा गया था।