प्रधानमंत्री की सुरक्षा में लगी एसपीजी को तब तक विशेषाधिकार नहीं… ये है कारण

प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप की स्थापना की गई थी। यह देश की सर्वोत्कृष्ट एजेंसी मानी जाती है।

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दिल्ली हाई कोर्ट ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा में लगे एसपीजी को ज्यादा अधिकार देने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई टाल दी है। चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले पर अगली सुनवाई अप्रैल में करने का आदेश दिया। इसके कारण एसपीजी को विशेषाधिकार का प्रकरण आगे सरक गया है।

सुनवाई के दौरान कोर्ट याचिकाकर्ता को इस मांग का प्रतिवेदन केंद्र सरकार को देने का आदेश देने जा रहा था लेकिन केंद्र सरकार ने कहा कि पंजाब में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने जांच कमेटी बैठाई है। इसलिए इस पर अभी कोई आदेश नहीं दिया जाए, क्योंकि इससे दोहराव की आशंका होगी।

ऐसी है याचिका
याचिका आशीष कुमार ने दायर की है। याचिका में प्रधानमंत्री की सुरक्षा में लगे एसपीजी को ज्यादा अधिकार देने की मांग की गई है। याचिकाकर्ता की ओर से वकील गोविंदा रमनन ने कहा है कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा सर्वोपरि है। प्रधानमंत्री की सुरक्षा देश की सुरक्षा से जुड़ी होती है और उसका प्रभाव देश पर पड़ता है। याचिका में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हालिया पंजाब यात्रा के दौरान सुरक्षा में हुई चूक का हवाला दिया गया है । याचिका में कहा गया है कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक पंजाब पुलिस की अक्षमता की वजह से हुई।

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याचिका में कहा गया है कि एसपीजी एक्ट में बदलाव कर उसे ज्यादा अधिकार दिए जाएं। एसपीजी को राज्य की एजेंसियों की ओर से किए गए सुरक्षा प्रबंध की समीक्षा करने का भी अधिकार मिलना चाहिए। एसपीजी के डायरेक्टर को छूट होनी चाहिए कि वो प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान राज्यों के सुरक्षा प्रबंधों की समीक्षा कर सकें। याचिका में मांग की गई है कि कोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को निर्देश दें कि वो एसपीजी एक्ट में जरूरी संशोधन करने के लिए कदम उठाए।

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