Sanatan Rashtra Shankhnaad Mahotsav: सनातन संस्था द्वारा आयोजित ‘सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव’ के इस भव्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में कोल्हापुर की ‘सव्यासाची गुरुकुलम’ संस्था ने युद्धकला, आत्मरक्षा और शौर्यप्रदर्शन का सजीव और रोमांचक प्रदर्शन प्रस्तुत किया। इस प्रदर्शन ने उपस्थित श्रद्धालुओं के मन में वीरता, आत्मविश्वास और आत्मरक्षा की जागरूकता भर दी।
इसमें ‘पारंपरिक मैदानी खेल और युद्धकला तकनीक’, ‘शिवकालीन शौर्यप्रदर्शन और शारीरिक दक्षता’, ‘महिलाओं पर होने वाली छेड़छाड़ की स्थिति में आत्मरक्षा के यथार्थ चित्रण’, तथा ‘एक महिला पर कई लोगों के आक्रमण की स्थिति में उसके धैर्यपूर्वक प्रतिकार’ जैसे दृश्यात्मक प्रस्तुतियों ने दर्शकों के मन में गहरी छाप छोड़ी। यह संदेश भी सशक्त रूप से पहुँचा कि ऐसा प्रशिक्षण आज सभी के लिए आवश्यक है।
युद्धकला व आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देना जरुरी
इस अवसर पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास के कोषाध्यक्ष प.पू. स्वामी गोविंददेव गिरीजी ने अपने संबोधन में कहा, “प्रत्येक संत को अपने शिष्यों को इस प्रकार की युद्धकला व आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देना चाहिए।”
संत, महंत और अध्यात्मिक मार्गदर्शकों की रही उपस्थिति
इस महोत्सव में देश-विदेश से आए लगभग 20,000 धर्मप्रेमी, तथा अनेक संत, महंत और अध्यात्मिक मार्गदर्शकों की उपस्थिति रही। ‘सव्यासाची गुरुकुलम’ की इस प्रस्तुति ने महोत्सव के वातावरण को और अधिक प्रेरणादायी तथा ऊर्जा से भरपूर बना दिया। यह संस्था युवाओं में आत्मविश्वास, राष्ट्रप्रेम और सनातन शौर्य परंपरा के बीज बोने का कार्य कर रही है।