Sanatan Rashtra Shankhnaad Mahotsav: वर्तमान समय समस्त मानव जाति के लिए अत्यंत कठिन समय अर्थात आपातकाल है। युद्ध का संकट सिर पर मंडरा रहा है। इस विकट काल में शत्रु केवल हथियारों से ही नहीं, बल्कि आधुनिक तकनीक द्वारा रोगजनकों (वायरस, बैक्टीरिया आदि) के माध्यम से भी हम पर आक्रमण कर सकता है। इन अज्ञात और नई आपदाओं का सामना करने के लिए शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक बल होना अत्यंत आवश्यक है। ‘सभी का कल्याण हो’, इस उद्देश्य से ‘श्री महाधन्वंतरि यज्ञ’ का आयोजन किया गया। ‘लोकाः समस्ताः सुखिनो भवन्तु’ अर्थात ‘सभी लोग सुखी हों’, इस भाव के साथ सनातन संस्था द्वारा आयोजित ऐतिहासिक और भव्य सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव में यह यज्ञ संपन्न हुआ। इस अवसर पर भारत और विदेशों से आए 20,000 से अधिक साधक एवं हिन्दू धर्मप्रेमी उपस्थित थे।
इस महायज्ञ में सनातन संस्था के संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत बालाजी आठवले, उनकी आध्यात्मिक उत्तराधिकारी श्रीसत्शक्ति (सौ.) बिंदा सिंगबाल और श्रीचित्शक्ति (सौ.) अंजली गाडगील, गोवा के स्वास्थ्य मंत्री श्री विश्वजीत राणे तथा उनकी पत्नी विधायक सौ. दिव्या राणे, कई संत-महंत और प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों की विशेष उपस्थिति रही। वैदिक मंत्रोच्चार से वातावरण भक्तिमय और चैतन्यमय हो गया था।
इस संदर्भ में सनातन संस्था के प्रवक्ता श्री. अभय वर्तकजी ने कहा, “शिवागम विद्याविभूषित आगमाचार्य श्री अरुणकुमार गुरुमूर्ति और गुरुमूर्ति शिवाचार्य के मार्गदर्शन में इस यज्ञ में 61 यजमान दंपत्तियों ने सहभाग लिया। जब ईश्वर के हजारों भक्त और वेदज्ञ ब्राह्मण मिलकर यज्ञ करते हैं, तब वह यज्ञ ‘महायज्ञ’ बन जाता है। इस प्रकार हजारों श्रद्धालु इस महोत्सव में एकत्रित होकर जो यज्ञ हुआ, वह ‘धन्वंतरि यज्ञ’ अब ‘श्री महाधन्वंतरि यज्ञ’ बन गया है। इस यज्ञ का संकल्प केवल व्यक्तिगत या पारिवारिक नहीं, बल्कि वैश्विक है।”
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