एनसीबी के अधिकारी समीर वानखेडे की विभागीय जांच शुरू हो गई है। इसके लिए दिल्ली से पांच अधिकारी मुंबई पहुंच चुके हैं। ये जांच दल कार्रवाई की ऐवज में पैसे की मांगवाले आरोप की जांच कर रहा है। इस जांच के शुरू होने से कहा जा रहा है कि ड्रग्स की आवक, बिक्री और सेवन पर लगाम लगाना वानखेडे को महंगा पड़ा है।
समीर वानखेडे पिछले डेढ़ वर्षों में मादक पदार्थ (ड्रग्स) बिक्री, सेवन करनेवालों के विरुद्ध सैकड़ों कार्रवाई कर चुके हैं। इसमें उन्होंने कई प्रसिद्ध कलाकारों को भी जांच के लिए बुलाया और वर्तमान में शाहरुख खान का बेटा उन्हीं की कार्रवाई के बाद से जेल में है। लेकिन, यह कार्रवाई नार्कोटिक कंट्रोल ब्यूरो के विभागीय संचालक समीर वानखेडे को महंगी पड़ रही है। अब उन पर ही आरोप होना शुरू हो गया है। इसमें महाराष्ट्र सरकार के एक मंत्री की बड़ी भूमिका है।
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जांच की आंच में वानखेडे
समीर वानखेडे के विरुद्ध एक और विभागीय जांच है तो दूसरी ओर मंत्री नवाब मलिक प्रतिदिन उनकी जांति, धर्म, परिवार जनों पर निरंतर हमले कर रहे हैं। इसका वानखेडे परिवारजनों द्वारा उत्तर भी दिया जा रहा है, लेकिन मंत्री सियासी आवाज के सामने अधिकारी का दर्द मंद पड़ा है। इसके कारण विभागीय जांच की आंच झेल रहे समीर वानखेडे की जांच मुंबई पुलिस के एसीपी स्तर के दो अधिकारी करेंगे। ये अधिकारी समीर वानखेड़े के विरुद्ध दर्ज चार प्रकरणों की जांच करेंगे।