न काम, न कमाई… एमएमआरडीए ने ऐसे करोड़ो रुपए उड़ाए

महाराष्ट्र सरकार का अपना जनसंपर्क विभाग है। परंतु, एमएमआरडीए इसके बाद भी निजी कंपनी के भरोसे है।

210

एक कहावत है काम करो या न करो पर काम की चिंता जरूर करो… इसी तर्ज पर लगता है मुंबई महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) भी चल पड़ी है। जब कोविड-19 लॉकडाउन में सारी मुंबई बंद पड़ी थी उस काल में राज्य सरकार का यह प्राधिकरण महीने का लाखो रुपया अपने प्रचार पर खर्च कर रहा था।

एमएमआरडीए शहर के विकास कार्यों की नोडल एजेंसी है। इसका अपना जनसंपर्क तंत्र है, जिसका कार्य एक निजी कंपनी मेसर्स मर्केंटाइल एडवरटाइजिंग को दिया गया है। इस विषय में आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को सूचना अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी के अनुसार जब मुंबई लॉकडाउन में थी, इस काल में भी एमएमआरडीए अपनी निजी प्रचार कंपनी को 21.70 लाख रुपए प्रति माह दे रही थी।

ये भी पढ़ें – ये है एमएचसीईटी परीक्षा की समय सारिणी

अपना जनसंपर्क तंत्र
आरटीआई के अंतर्गत मिली जानकारी के अनुसार एमएमआरडीए प्रतिमाह 21.70 लाख रुपए मेसर्स मर्केंटाइल एडवरटाइजिंग को दे रही थी। दो वर्षों में 5.20 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। एमएमआरडीए निजी जनसंपर्क एजेंसी को मुफ्त में कार्यालय का स्थान, दो जनसंपर्क अधिकारी पर 1.5 लाख रुपए के हिसाब से प्रतिमाह और 25 हजार रुपए प्रतिमाह अनुबंध कर्मचारियों को भुगतान करती है।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.