लाल किला हिंसा: दीप सिद्धू को मिली वो जमानत घंटों में ही खत्म हो गई

दिल्ली की सीमाओं पर केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन चल रहा है। इसके अंतर्गत गणतंत्र दिवस परेड के दौरान आंदोलनकारियों ने ट्रैक्टर परेड आयोजित की थी। जिसके लिए दिल्ली पुलिस ने सशर्त कुछ तय मार्गों पर इस परेड को निकालने की अनुमति दी थी।

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पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू को दिल्ली क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है। उसे शनिवार को सुबह ही तीस हजारी विशेष न्यायालय से जमानत मिली थी। इसके कुछ घंटे बाद ही उसे फिर दबोच लिया गया है। इसके पहले उसे लाल किला हिंसा के मामले में गिरफ्तार किया गया था।

दीप सिद्धू को 9 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। तभी से वह जेल की हवा खा रहा था। शनिवार की सुबह विशेष न्यायालय में हुई सुनवाई में उसे विशेष जज नीलोफर आबिदा परवीन ने तीस हजार के निजी मुचलके और अन्य शर्तों के आधार पर जमानत दे दी थी।

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हिरासत से छूटने के कुछ ही घंटे ही बीते थे कि दीप सिद्धू को दिल्ली क्राइम ब्रांच ने फिर गिरफ्तार कर लिया। इसके पहले उसे 26 जनवरी को राजधानी में ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा के प्रकरण में गिरफ्तार किया गया था। इस प्रकरण में आंदोलनकारी सीमाओं से प्रवेश करके आटीओ पहुंच गए थे और पुलिस के साथ बदतमीजी की थी। दूसरी ओर से घुसे आंदोलनकारी लाल किले तक ट्रैक्टरों से पहुंच गए और वहां उन्होंने तिरंगे के स्थान पर धार्मिक झंडा फहरा दिया। इस प्रकरण में दायर एफआईआर में पुलिस कांस्टेबलों से दो मैगजीन, 20 लाइव कारट्रिज छीनने का मामला है। इसके आलावा दंगा विरोधी कार्रवाई में उपयोग होनेवाले सामानों की लूट का प्रकरण भी है।

ऐसे थी आंदोलन में सहभागिता
दीप सिद्धू पंजाबी फिल्मों का अभिनेता है। वो दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन में सहभागी हुआ था। वहां वह अपने वीडियो बनाता था। पुलिस के अनुसार दीप सिद्धू कैनिफोर्निया में एक महिला के संपर्क में था। वो आंदोलन से वीडियो बनाकर महिला को भेजता था वहां से महिला दीप के फेसबुक अकाउंट में अपलोड करती थी।

जब 26 जनवरी, 2021 को ट्रैक्टर परेड निकालने की सशर्त मंजूरी मिली तो दीप सिद्धू को गिरोह ने इस पर योजनाबद्ध रूप से कार्य किया। सूत्रों के अनुसार जब गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड निकली तो उसने अपने लोगों को वॉलंटियर के जैकेट पहनने को कहा और निश्चित मार्ग से अलग निकलने को कहा था। सभी को लाल किले पर पहुंचने को कहा था। हालांकि सिद्धू ने इन घटनाओं में अपनी भूमिका से इन्कार किया है। लेकिन जो सूत्रों से पता चला है कि इन्हीं लोगों ने पंजाब के तरतारन जिले से जुगराज सिंह को लाया था। उसी ने लाल किले पर धार्मिक झंडा फहराया था।

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