भारतीय रेलवे में ट्रेनों के देरी से चलने पर यात्रियों को मुआवजे देने का कोई प्रावधान नहीं है। पिछले साल खराब मौसम सहित अन्य कारणों के चलते 11 हजार 806 ट्रेन लेट हुईं।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 23 मार्च को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि रेलगाड़ियों के विलंब से चलने पर यात्रियों को मुआवजे देने का कोई प्रावधान नहीं है। बहरहाल, यदि यात्रा आरंभ होने वाले स्टेशन से गाड़ी के निर्धारित प्रस्थान समय से तीन घंटे से अधिक की देरी से चलने के कारण यात्रा नहीं की जाती है, तो आरक्षित, आरएसी और प्रतीक्षा सूची टिकटधारी सभी यात्रियों को रद्दीकरण या लिपिकीय शुल्क की कटौती के बिना पूरी धनराशि वापस की जाती है। बशर्ते टिकट को निर्धारित समय सीमा के भीतर रेलवे यात्री (टिकटों का रद्दकरण और किराए की वापसी) नियम 2015 के अनुसार टिकट का रद्दकरण अथवा टिकट जमा रसीद (टीडीआर) को जमा किया गया हो।
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उन्होंने बताया कि अप्रैल 2020 से मार्च 2021 के दौरान, कोहरे, संतृप्त मार्गों पर पथ बाधाओं सहित क्षमता बाधाएं, परिसंपत्ति की विफलता, अलार्म चेन पुलिंग, आंदोलन, खराब मौसम और अन्य अप्रत्याशित परिस्थितियों जैसे कारकों के कारण कुल 11806 ट्रेनों में देरी हुई।
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