पुणे की वैक्सीन से बचेंगे जानवर, इसमें भी आत्मनिर्भर भारत

लम्पी-प्रोवैक पशुओं के लिये सुरक्षित है और यह एलएसडीवी-विशिष्ट एंटीबॉडी पैदा करके कोषिकाओं को लडऩे की ताकत देता है। इसके अलावा घातक एलएसडीवी चुनौतियों से भी पूरी सुरक्षा प्रदान करता है।

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केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा कि पुणे जिले में जानवरों के लम्पी चर्म रोग की स्वदेश में विकसित वैक्सीन बनेगी। उन्होंने इसके लिए आईसीएआर के प्रयास को सराहनीय बताया है।

गोट पॉक्स-लम्पी वैक्सीन निर्माण का बड़ा निर्णय
केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्त्म रूपाला तथा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिन्दे की उपस्थिति में गोट पॉक्स वैक्सीन और “लम्पी प्रो-वैक” वैक्सीन के उत्पादन के लिये नागपुर में 29 दिसंबर को एक समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए। केंद्रीय मंत्री रूपाला ने आईसीएआर के उन प्रयासों की सराहना की, जो आईसीएआर ने लम्पी चर्मरोग से लड़ने के लिये स्वदेशी वैक्सीन विकसित करने के लिये किये। वैक्सीन का नाम लम्पी प्रो-वैक है। पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा कि समझौता-ज्ञापन से गोट पॉक्स वैक्सीन का बड़े पैमाने पर उत्पादन सुनिश्चित हो जाएगा, ताकि भारत के पशुधन सेक्टर की भावी जरूरतों को पूरा किया जा सके। इस समय गोट पॉक्स वैक्सीन पशुओं में लम्पी चर्मरोग को नियंत्रित करने के लिये इस्तेमाल की जाती है। यह वैक्सीन लम्पी के विरुद्ध कारगर साबित हुई है।

आईवीबीपी को आदेश
पुरुषोत्तम रूपाला ने प्रौद्योगिकी की प्रासंगिकता को रेखांकित किया और आईवीबीपी, पुणे से आग्रह किया कि वह बिना विलंब किये बड़े पैमाने पर वैक्सीन का उत्पादन शुरू कर दे, ताकि विभाग इसका इस्तेमाल रोग पर काबू पाने के लिये करके किसानों की सहायता कर सके।

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पुणे की आईवीबीपी को अधिकार
राष्ट्रीय पशुचिकित्सा प्रारूप संवर्धन केंद्र, भाकृ-अनुप राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र, हिसार (हरियाणा) ने भाकृ-अनुप-भारतीय पशु-चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर, उत्तरप्रदेश के सहयोग से होमोलोगस लाइव-एटेनुएटेड एलएसडी वैक्सीन को विकसित किया है, जिसका नाम लम्पी-प्रोवैकइंड है। केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के अधीन कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग के एग्रीइनोवेट इंडिया लिमिटेड ने आईवीबीपी, पुणे को “लम्पी-प्रोवैक” के वाणिज्यिक उत्पादन के लिये “सीमित अधिकार” दे दिये हैं।

इनकी रही उपस्थिति
इस अवसर पर केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्त्म रूपाला, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिन्दे, महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस, महाराष्ट्र के पशुपालन मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल, आईसीएआर के डीडीजी (पशु विज्ञान) डॉ. बीएन त्रिपाठी, आईसीएआर-आईवीआरआई के निदेशक डॉ. त्रिवेणी दत्त, आईसीएआर-एनआरसीई के निदेशक डॉ. टीके भट्टाचार्य, महाराष्ट्र के आयुक्त (पशुपालन) सचिन्द्र प्रताप सिंह, एग्रीइनोवेट इंडिया लिमिटेड के सीईओ डॉ. प्रवीण मिलक, आसीएआर व एग्रीइनोवेट इंडिया लिमिटेड के अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

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