पुणेकर तो बाहुबलि निकले!

पुणे के सिरो सर्वे की रिपोर्ट जारी हुई है। इसके अनुसार पुणेकरों (पुणे के रहनेवालों) में एंटी बॉडीज की उपस्थिति सबसे अधिक थी। यह सर्वे शहर के पांच सबसे अधिक कोरोना संक्रमित वार्डों में किये गए थे। जिसके अनुसार 85 प्रतिशत लोगों में कोरोना के प्रति एंटी बॉडीज मिले।

87

कोरोना के बढ़ते प्रमाण के बीच सिरो सर्वे की रिपोर्ट जारी हुई है। इस रिपोर्ट के अनुसार पुणे के लोगों में सबसे अधिक एंटीबॉडीज के प्रमाण मिले हैं। ये देश के लिए अच्छे संकेत हो सकते हैं। सर्वे के अनुसार रोग प्रतिरोधक क्षमता के मामले में पुणेकर बाहुबलि निकले।

पुणे के सिरो सर्वे की रिपोर्ट जारी हुई है। इसके अनुसार पुणेकरों (पुणे के रहनेवालों) में एंटी बॉडीज की उपस्थिति सबसे अधिक थी। यह सर्वे शहर के पांच सबसे अधिक कोरोना संक्रमित वार्डों में किये गए थे। जिसके अनुसार 85 प्रतिशत लोगों में कोरोना के प्रति एंटी बॉडीज मिले। इस सर्वे को इंडियन इस्टिट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रीसर्च, सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी के साथ अन्य कई संस्थाओं ने संयुक्त रूप से किया था।

एंटी बॉडीज क्या होते हैं?

एंटी बॉडीज शरीर का वह तत्व है जो शरीर में अपने आप उत्पन्न होता है जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है और शरीर किसी भी वायरस के शरीर पर हमले को बेअसर कर देता है।

एंटी बॉडीज दो प्रकार के होते हैं

  • आईजीएम यानी इम्यूनोग्लोबुलिन-एम (IgM)
    हमारा शरीर किसी इंफेक्शन के रेस्पोंस में पहले इम्यूनोग्लोबुलिन-एम बनाता है।
  • आईजीजी यानी इम्यूनोग्लोबुलिन-जी G(IgG)
    जबकि इम्यूनोग्लोबुलिन-जी धीरे-धीरे बनता है और देर तक शरीर में रहता है। इसी इम्यूनोग्लोबुलिन-जी से कोरोनावायरस की संभावित इम्यूनिटी की पहचान हो सकती है। कोरोना वायरस की इम्यूनिटी के लिए इम्यूनोग्लोबुलिन-जी की पहचान आवश्यक होती है।

 

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.