महाराष्ट्र में एक बार फिर कोरोना विस्फोट ने सरकार के साथ ही प्रशासन की भी नींद हराम कर दी है। पिछले करीब डेढ़ महीने से पूरे प्रदेश में कोरोना के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। इस हालत में एक बार फिर पुलिस की जिम्मेदारी बढ़ गई है। क्योंकि तमात तरह की पाबंदियों के बीच और लॉडाउन में उसे सड़क पर उतरकर अपना फर्ज निभाना पड़ता है।
बता दें कि प्रदेश की महाविकास आघाड़ी सरकार के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जहां राज्य में हर दिन कड़े प्रतिबंध लागू करने की घोषणा की है, वहीं वीकेंड में यानी शनिवार और रविवार को लॉकडाउन लागू करने का आदेश जारी किया है। इस स्थिति में लोगों को भले ही घर में रहना हो, लेकिन पुलिस को बाहर रहकर अपनी ड्यूटी निभाने की मजबूरी है। इस वजह से दूसरे लोगों की अपेक्षा उन्हें कोरोना का खतरा ज्यादा है।
पुलिस आयुक्त की सलाह
कुछ दिनों पहले मुंबई के पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले ने पुलिस को आदेश दिया है कि वे अपना ध्यान रखते हुए अपने कर्तव्यों का पालन करें।मुंबई में पिछले सप्ताह मिनी लॉकडाउन लगाया गया है। इसके साथ ही कोरोना रोगियों की संख्या में तेजी से वृद्धि के कारण सप्ताह के आखिरी दो दिनों में संपूर्ण लॉकडाउन लागू किया गया है।
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पुलिस को संक्रमित होने का खतरा ज्यादा
मुंबई में व्यापारी इस लॉकडाउन का सड़क पर उतरकर विरोध कर रहे हैं। ऐसे में पुलिस विभाग की जिम्मेदारी और बढ़ गई है। उन्हें लोगों को बाहर निकलने से रोकने के साथ ही ट्रैफिक नियमो को तोड़नेवालों पर भी कार्रवाई करनी होती है। इस हालत में वे अनेक लोगों के संपर्क में आते हैं और उनके संक्रमित होने की आशंका काफी बढ़ जाती है।
पुलिस अधिकारी की मौत
12 अप्रैल को मुंबई के वकोला के पुलिस उप-निरीक्षक मोहन दगड़े की कोरोना में मृत्यु हो गई। इस वर्ष कोरोना से पुलिस की होनेवाली यह पहली मौत है। इसी के साथ मुंबई पुलिस बल में कोरोना से मृत्यु का आंकड़ा पिछले एक साल में बढ़कर 101 हो गया है। इस बीच 30,756 पुलिस वैक्सीन की पहली खुराक और 17,351 टीका की दूसरी खुराक ले चुके हैं।