विजय दिवस पर पीएम ने 1971 के योद्धाओं को किया सलाम, श्रद्धांजलि देते हुए कही भावनात्मक बात

बांग्लादेश के गठन के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में स्वर्णिम विजय वर्ष समारोह के एक हिस्से के रूप में, पिछले साल 16 दिसंबर को, प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में अनन्त ज्वाला से स्वर्णिम विजय मशाल को जलाया था।

124

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 16 दिसंबर को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर स्वर्णिम विजय मशालों के श्रद्धांजलि और स्वागत समारोह में भाग लिया और 1971 के युद्ध नायकों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर आगंतुक पुस्तिका पर हस्ताक्षर भी किए। उन्होंने लिखा, “पूरे राष्ट्र की ओर से, मैं 1971 के युद्ध के योद्धाओं को सलाम करता हूं। नागरिकों को उन वीर योद्धाओं पर गर्व है, जिन्होंने वीरता की अनूठी दास्तां लिखी।”

इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, “50वें विजय दिवस के अवसर पर, मैं मुक्तिजोधों, वीरांगनाओं और भारतीय सशस्त्र बलों के वीरों द्वारा महान वीरता और बलिदान को याद करता हूं। हमने साथ मिलकर दमनकारी ताकतों से लड़ाई लड़ी और उन्हें हराया। ढाका में राष्ट्रपति जी की उपस्थिति का प्रत्येक भारतीय के लिए विशेष महत्व है।”

ये भी पढ़ेंः जनरल नरवणे होंगे नए सीडीएस! ‘इस’ महत्वपूर्ण पद की कमान सौंपे जाने से मिले संकेत

इसलिए मनाया जा रहा है स्वर्णिम विजय पर्व
भारत की 1971 के युद्ध में जीत और बांग्लादेश के गठन के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में स्वर्णिम विजय वर्ष समारोह के एक हिस्से के रूप में, पिछले साल 16 दिसंबर को, प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में अनन्त ज्वाला से स्वर्णिम विजय मशाल को जलाया था। उन्होंने चार मशालें भी जलाईं, जिन्हें अलग-अलग दिशाओं में जाना था। तब से, ये चार मशालें सियाचिन, कन्याकुमारी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लोंगेवाला, कच्छ के रण, अगरतला आदि सहित पूरे देश में फैल गई हैं। अग्नि मशालों को प्रमुख युद्ध क्षेत्रों और वीरता पुरस्कार विजेताओं और 1971 के युद्ध के दिग्गजों के घरों में भी ले जाया गया।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.