दिल्लीः प्रधानमंत्री मोदी ने 3,024 ईडब्ल्यूएस फ्लैटों का किया उद्घाटन, लाभार्थियों को चाबी सौंपते हुए कही ये बात

प्रधानमंत्री ने गरीबी के नाम पर राजनीति करने वाली पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले यह माना जाता था कि गरीबी से निपटने के लिए गरीबी है।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2 नवंबर को झुग्गीं-झोपड़ी वासियों के पुनर्वास के लिए दिल्ली के कालकाजी में ‘यथास्थान झुग्गी-झोपड़ी पुनर्वास परियोजना’ के अंतर्गत बनाए गए 3,024 नवनिर्मित ईडब्ल्यूएस फ्लैटों का उद्घाटन किया और भूमिहीन कैंप के पात्र लाभार्थियों को फ्लैटों की चाबियां सौंपी।

प्रधानमंत्री मोदी ने विज्ञान भवन में आयोजित उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली की झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले गरीबों को पक्का मकान देने के संकल्प में आज हमने अहम पड़ाव तय किया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के गरीब परिवारों को पक्का घर देने का अभियान आज से शुरू हुआ है। सिर्फ कालकाजी एक्सटेंशन के पहले फेज में ही 3 हजार से ज्यादा घर तैयार कर लिए गए हैं। बहुत जल्द यहां रह रहे बाकी परिवारों को भी नए घर में गृह प्रवेश का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि आज दिल्ली के सैकड़ों परिवारों के लिए, हजारों गरीब हमारे भाई-बहनों के लिए, ये बहुत बड़ा दिन है। वर्षों से जो परिवार दिल्ली की झुग्गियों में रह रहे थे, आज उनके लिए, एक प्रकार से उनके जीवन की नई शुरुआत होने जा रही है।

संबोधन की खास बातें
-प्रधानमंत्री ने गरीबी के नाम पर राजनीति करने वाली पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले यह माना जाता था कि गरीबी से निपटने के लिए गरीबी है। उन्होंने कहा कि आज देश में जो सरकार है, वो गरीब की सरकार है। इसलिए वो गरीब को अपने हाल पर नहीं छोड़ सकती। आज देश की नीतियों के केंद्र में गरीब हैं। आज देश के निर्णयों के केंद्र में गरीब हैं। विशेषकर शहर में रहने वाले गरीब भाई-बहनों पर भी हमारी सरकार उतना ही ध्यान दे रही है।

-मोदी ने कहा कि इसी जगह दिल्ली के निवासियों के बीच पहले से ही काफी मतभेद थे। लेकिन अब देश अमृत काल में प्रवेश कर गया है और सबका साथ, सबका विकास और सबका प्रयास का मंत्र सभी के लिए कल्याण सुनिश्चित कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे गरीब साथियों को एक बड़ी दिक्कत राशन कार्ड से जुड़ी अव्यवस्थाओं से भी होती थी। हमने ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ की व्यवस्था करके दिल्ली के गरीबों का जीवन आसान बनाया है।

-इस वैश्विक संकट के समय में दिल्ली के लाखों गरीबों को केंद्र सरकार पिछले दो साल से मुफ्त राशन दे रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में 40 लाख से ज्यादा गरीबों को बीमा सुरक्षा कवच दिया है। दवाइयों का खर्च कम करने के लिए ‘जन औषधि केंद्र’ की सुविधा है। जब जीवन में सुरक्षा होती है तो गरीब निश्चिंत होकर गरीबी से बाहर निकलने के लिए जी जान से जुट जाता है।

-उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि हम दिल्ली को देश की राजधानी के अनुरूप एक शानदार सुविधा संपन्न शहर बनाएं। दिल्ली के विकास को गति देने के लिए हमने जो काम किए हैं, दिल्ली के लोग, दिल्ली के गरीब, दिल्ली का विशाल मध्यम वर्ग उसके साक्षी हैं। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बीमा कवर को 40 लाख से अधिक हाशिए के लोगों तक बढ़ा दिया गया है। साथ ही, जेब से खर्च को कम करने के लिए जन औषधि केंद्रों की स्थापना की गई है। मोदी ने कहा कि जब हाशिए पर पड़े तबके के जीवन में सुरक्षा सुनिश्चित हो जाती है, तो उन्हें खुद गरीबी से लड़ने के लिए काफी प्रोत्साहन मिलता है। वे पहले से कहीं अधिक सशक्त महसूस करते हैं।

-प्रधानमंत्री ने मेट्रो के विस्तार को लेकर कहा कि 2014 में जब हमारी सरकार आई थी, तो दिल्ली-एनसीआर में 190 किलोमीटर रूट पर ही मेट्रो चला करती थी। आज दिल्ली-एनसीआर में मेट्रो का विस्तार बढ़कर करीब-करीब 400 किलोमीटर तक हो चुका है।

-उल्लेखनीय है कि सभी के लिए आवास उपलब्ध कराने के प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप, दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा 376 झुग्गी झोपड़ी क्लस्टरों में यथास्थान झुग्गी-झोपड़ी पुनर्वास का कार्य किया जा रहा है। इस पुनर्वास परियोजना का उद्देश्य झुग्गी-झोपड़ी क्लस्टरों में रहने वालों को उचित सुख-साधनों एवं सुविधाओं से लैस बेहतर और स्वस्थ वातावरण प्रदान करना है।

-डीडीए ने कालकाजी एक्सटेंशन, जेलरवाला बाग और कठपुतली कॉलोनी में ऐसी तीन परियोजनाएं शुरू की हैं। कालकाजी एक्सटेंशन परियोजना के अंतर्गत कालकाजी स्थित भूमिहीन कैंप, नवजीवन कैंप और जवाहर कैंप नामक तीन झुग्गीर-झोपड़ी क्लस्टरों का यथास्थान पुनर्वास चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है। चरण-I के तहत, खाली पड़े एक नजदीकी वाणिज्यिक केंद्र स्थल पर 3024 ईडब्ल्यूएस फ्लैटों का निर्माण किया गया है। भूमिहीन कैंप के पात्र परिवारों को नवनिर्मित ईडब्ल्यूएस फ्लैटों में पुनर्वासित करके भूमिहीन कैंप की झुग्गी-झोपड़ी वाली जगह को खाली किया जाएगा। भूमिहीन कैंप वाली जगह खाली कराने के बाद, इस जगह का उपयोग दूसरे चरण में नवजीवन कैंप और जवाहर कैंप के पुनर्वास के लिए किया जाएगा।

-परियोजना के पहले चरण में 3024 फ्लैटों का निर्माण लगभग 345 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। ये समस्त नागरिक सुविधाओं से लैस हैं तथा इनमें विट्रिफाइड फ्लोर टाइल्स, सिरेमिक टाइल्स, रसोईघर में उदयपुर ग्रीन मार्बल काउंटर आदि से फिनिशिंग की गई है। यहां सामुदायिक पार्क, इलेक्ट्रिक सब-स्टेशन, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, दोहरी पानी पाइपलाइन, लिफ्ट, स्वच्छ जलापूर्ति आदि के लिए भूमिगत जलाशय आदि जैसी सार्वजनिक सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं।

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