कोरोना को हराना है! पीएम ने लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय

पीएमओ की ओर से 3 मई को जारी बयान में कहा गया है कि एमबीबीएस के अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को भी कोरोना संक्रमण से जंग के लिए तैनात किया जाएगा। बयान के अनुसार कोविड-19 के लिए 100 दिनों की ड्यूटी पूरा करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को नियमित सरकारी भर्तियों में प्राथमिकता दी जाएगी।

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कोरोना के बढ़ते संक्रमण से निपटने के लिए प्रधानमंतत्री नरेंद्र मोदी ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। इसी कड़ी में कम से कम चार महीनों के लिए एनईईटी-पीजी परीक्षा को स्थगित करने की घोषणा की गई है, ताकि कोरोना से जंग में स्वास्थ्यकर्मियों की कमी न हो और मेडिकल इंटर्न सहित क्लालिफाइड डॉक्टर बड़ी संख्या में उपलब्ध हो सकें।

पीएमओ की ओर से 3 मई को जारी बयान में कहा गया कि एमबीबीएस के अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को भी इस काम के लिए तैनात किया जााएगा।

100 दिनों की ड्यूटी पूरा करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को प्राथमिकता
पीएमओ द्वारा जारी बयान के अनुसार कोविड-19 के लिए 100 दिनों की ड्यूटी पूरा करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को नियमित सरकारी भर्तियों में प्राथमिकता दी जाएगी। बयान में यह भी कहा गया है कि बीएससी और जीएनएम क्लालिफायड नर्स की टीम को सीनियर डॉक्टरों की देखरेख में कोरोना की ड्यूटी पर तैनात किया जाएगा। इसके साथ ही मेडिकल इंटर्न्स को भी उनके विभाग की निगरानी में कोरोना प्रबंधन कार्यों के लिए तैयार किया जाएगा।

एमबीबीएस के अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों की भी तैनाती
बयान में कहा गया है कि एमबीबीएस के अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को हल्के लक्षण वाले कोरोना केस की निगरानी के लिए तैनात किया जाएगा। इस काम की निगरानी उनकी फेकल्टी की रहेगी।

राष्ट्रीय सेवा सम्मान से होंगे पुरस्कृत
इसके साथ ही कोरोना ड्यूटी पर तैनात चिकित्साकर्मियों के 100 दिन पूरे हो जाने पर उन्हें प्रधानमंत्री के कोविड राष्ट्रीय सेवा सम्मान से भी पुरस्कृत किया जाएगा।

बता दें कि बायोकॉन लिमिटेड की अध्यक्ष किरण मजूमदार शॉ ने ट्वीट कर डॉ. देवी शेट्टी की इस तरह की सलाह पर अमल करने जरुरत बताई थी।

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