पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अलीपुर कोर्ट परिसर में एक कार्यक्रम को संबोधन करते हुए नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में कोर्ट की भूमिका पर सवाल खड़ा किया था। तब उन्होंने कहा था कि न्यायिक फैसला लिया जाना चाहिए। लोगों की नौकरी क्यों खत्म की जा रही है? जिन्होंने गलतियां की है, उन्हें दोबारा मौका दिया ही जाना चाहिए। अब उनके इस बयान को कोर्ट की अवमानना बताते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विकास रंजन भट्टाचार्य ने कलकत्ता हाईकोर्ट का ध्यानाकर्षण किया है।
ये भी पढ़ें- महाराष्ट्र की बेटी एशिया में नंबर एक, दौड़ाया वंदे भारत! उपलब्धियों से भरा है करियर
‘ममता का बयान न्याय व्यवस्था पर सवाल’
15 मार्च को अधिवक्ता रंजन भट्टाचार्य ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस बयान को अदालत की अवमानना करार देते हुए कोर्ट में आवेदन की अनुमति मांगी। न्यायमूर्ति टी. एस. शिलवज्ञानम और हिरणमय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने इसे स्वीकार कर लिया है। विकास रंजन भट्टाचार्य ने कहा कि ममता बनर्जी का बयान न केवल न्याय व्यवस्था पर सवाल है, बल्कि कोर्ट को चुनौती भी है। इसका स्वत: संज्ञान लेकर अदालत की अवमानना के संबंध में कार्रवाई होनी चाहिए।