Operation Sindoor: स्कूलों में पढ़ाई जाएगी आकाश और ब्रह्मोस मिसाइलों की शौर्य गाथा? जानिये क्या है पूरी खबर

भारत की रक्षा क्षमताओं को ऑपरेशन सिंदूर में पूरे विश्व ने देखा है । इस शौर्य गाथा को सभी भारतीय भाषाओं के माध्यम से स्कूलों में पढ़ाया जाएगा ।

61

Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत की सैन्य शक्ति(military power of india) का प्रतीक बने आकाश और ब्रह्मोस(Aakash and Brahmos) के पराक्रम को स्कूलों के पाठ्यक्रम(School curriculum) में शामिल किया जाएगा । इसको लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय(Union Ministry of Education) ने तैयारियां शुरू कर दी है। आकाश और ब्रह्मोस को भी चंद्रयान(Chandrayaan) की तर्ज पर पढ़ाया जाएगा ।

आकाश और ब्रह्मोस की शौर्य गाथा
भारत की रक्षा क्षमताओं को ऑपरेशन सिंदूर में पूरे विश्व ने देखा है । इस शौर्य गाथा को सभी भारतीय भाषाओं के माध्यम से स्कूलों में पढ़ाया जाएगा । ये विषय स्कूलों में बैगलेस डे यानी बिना बस्ते वाले दिनों की अवधि के दौरान पूरे रोचक तरीके से पढ़ाया जाएगा । वर्तमान में स्कूलों में कम से कम 15 दिन बगैर बस्ते वाले दिन आयोजित करने के निर्देश है । केंद्रीय विद्यालय और नवोदय में एक सप्ताह में एक दिन का बैगलेस डे रखा जाता है ।

राष्ट्रीय सुरक्षा और देशभक्ति की भावना को मिलेगा बल
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय भारत की सैन्य शक्ति में शोध को बढ़ावा देने के लिए भी नई नीति बना रहा है । पीएम फंड में भी जरूरी बदलाव लाए जा रहे है । शिक्षा मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि रोचक तरीके से पढ़ाने के कारण चंद्रयान का विषय लोकप्रिय बन चुका है । ऐसे में ब्राह्मोस और आकाश जैसी मिसाइलों के विषय को पढाने से बच्चों में देशभक्ति का बीजा रोपण हो सकेगा

Made in India: वर्तमान में 23,622 करोड़ रुपये है भारत का रक्षा निर्यात ,आगे ‘इतने’ करोड़ रुपये का रखा लक्ष्य

ब्रह्मोस और आकाश की रफ्तार
ब्रह्मोस की रफ्तार 9878 किलोमीटर प्रति घंटा है । जबकि ब्रह्मोस की रेंज 400 किलोमीटर है । और इस मिसाइल वजन 1290 किलोग्राम है । लंबाई 8.4 मीटर है । जबकि 3000 किलोग्राम वजन ले जा सकती है । आकाश की रफ्तार 80 किलोमीटर प्रति घंटा है।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.