Union Home Ministry: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) और असम राइफल्स (AR) के जवानों के सम्मान में महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। ऑफिसर रैंक(Officer Rank) से नीचे के जवानों को सेवानिवृत्ति के दिन एक पद उच्च मानद रैंक(Soldiers get one rank higher honorary rank on the day of retirement) दिया जाएगा। इसकी जानकारी केंद्रीय गृह मंत्रालय(Union Home Ministry) ने दी।
आत्मसम्मान और मनोबल को बढ़ावा देना उद्देश्य
मंत्रालय के अनुसार, इस योजना का उद्देश्य जवानों के आत्मसम्मान और मनोबल को बढ़ावा देना है। लंबी और अनुकरणीय सेवा देने वाले जवानों को यह रैंक दिया जाएगा। इसके लिए कुछ शर्तें तय की गई हैं। जवान का सेवा रिकॉर्ड साफ होना चाहिए। पिछले पांच वर्षों की एपीएआर रिपोर्ट कम से कम ‘गुड’ होनी चाहिए। किसी प्रकार की बड़ी सजा न मिली हो और ईमानदारी पर कोई संदेह न हो। साथ ही विभागीय जांच और सतर्कता मंजूरी भी जरूरी होगी।
रैंक के साथ कोई आर्थिक या पेंशन लाभ नहीं
गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि रैंक जवान को सेवानिवृत्ति के दिन दिया जाएगा। हालांकि, इस रैंक के साथ कोई आर्थिक या पेंशन लाभ नहीं मिलेगा। यह पूरी तरह से प्रतीकात्मक सम्मान होगा। यह रैंक उसी कैटेगरी में दी जाएगी जिसमें वह जवान कार्यरत रहा है।
सीएपीएफ में कांस्टेबल को हेड कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल को एएसआई, एएसआई को सब-इंस्पेक्टर और सब-इंस्पेक्टर को इंस्पेक्टर की मानद रैंक दी जाएगी। इसी प्रकार, असम राइफल्स में राइफलमैन को हवलदार, हवलदार को वारंट ऑफिसर, वारंट ऑफिसर को नायब सूबेदार और नायब सूबेदार को सूबेदार की मानद रैंक दी जाएगी।
आंतरिक सुरक्षा, सीमा सुरक्षा, और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल(सीएपीएफ) देश की आंतरिक सुरक्षा, सीमा सुरक्षा, और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। देश में सात ऐसे बल हैं- केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी)। असम राइफल्स तकनीकी रूप से सीएपीएफ मानी जाती है, लेकिन इसका प्रशासन सेना और गृह मंत्रालय दोनों संभालते हैं और इसमें कुछ रैंक अलग होते हैं।