Mumbai News: मुंबई लोकल में अब वरिष्ठ नागरिकों के लिए होगा अलग कोच, रेलवे का बड़ा फैसला

मुंबई लोकल में सफर करने के दौरान वरिष्ठ नागरिकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। लोकल में अत्यधिक भीड़ होने के कारण बुजुर्ग नागरिक चढ़ और उतर नहीं सकते और उनके पास बैठने के लिए भी जगह नहीं है।

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मुंबई लोकल (Mumbai Local) से यात्रा (Travel) करने वाले वरिष्ठ नागरिकों (Senior Citizens) के लिए अच्छी खबर है। लोकल में वरिष्ठ नागरिकों (Senior Citizens) को अलग से डिब्बा (Coach) मिलेगा। रेलवे प्रशासन (Railway Administration) ने इसकी जानकारी बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) को दी। अगले दो साल में वरिष्ठ नागरिकों को मुंबई लोकल में ये खास सेवा मिलेगी। रेलवे प्रशासन ने कहा कि लोकल कोचों में से एक को वरिष्ठ नागरिकों के लिए अलग कोच में तब्दील किया जाएगा। जिससे वरिष्ठ नागरिकों को राहत मिलेगी।

मुंबई लोकल में सफर करने के दौरान वरिष्ठ नागरिकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। लोकल में अत्यधिक भीड़ होने के कारण बुजुर्ग नागरिक चढ़ और उतर नहीं सकते और उनके पास बैठने के लिए भी जगह नहीं है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए रेलवे प्रशासन ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए लोकल में अलग कोच देने का निर्णय लिया है। लेकिन इस संबंध में रेलवे प्रशासन की देरी पर हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई। हाई कोर्ट ने रेलवे प्रशासन को जल्द से जल्द वर्क ऑर्डर वापस लेने का भी आदेश दिया है।

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हाई कोर्ट ने रेलवे को दिया दो साल का समय
स्थानीय यात्रा के दौरान वरिष्ठ नागरिकों को होने वाली समस्याओं के समाधान के रूप में, अधिवक्ता के. पी. नायर ने एक जनहित याचिका के माध्यम से याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने रेलवे प्रशासन को जल्द से जल्द वर्क ऑर्डर जारी करने का आदेश दिया। इस दौरान रेलवे प्रशासन ने हाई कोर्ट को बताया कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए रेलवे प्रशासन द्वारा सकारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं। अगले दो वर्षों में मध्य रेलवे के 155 और पश्चिम रेलवे के 105 माल डिब्बों को वरिष्ठ नागरिकों के लिए डिब्बों में बदल दिया जाएगा।

मालवाहक डिब्बा में यात्रा करने की अनुमति
सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की पीठ ने रेलवे प्रशासन को महत्वपूर्ण आदेश भी दिये। उच्च न्यायालय ने रेलवे प्रशासन को निर्देश दिया कि जब तक स्थानीय स्तर पर एक अलग कोच उपलब्ध नहीं कराया जाता तब तक वरिष्ठ नागरिकों को माल डिब्बा में यात्रा करने की अनुमति दी जाए। इस सुनवाई के दौरान रेलवे प्रशासन ने बॉम्बे हाई कोर्ट को आश्वासन दिया कि दो साल के भीतर वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्थानीय स्तर पर अलग कोच उपलब्ध कराए जाएंगे।

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