अब महाराष्ट्र मंदिर महासंघ करेगा मंदिरों की रक्षा, दो दिवसीय परिषद में लिए गए कई निर्णय

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महाराष्ट्र में मंदिरों पर हो रहे हमले को रोकने के लिए महाराष्ट्र मंदिर महासंघ नामक संस्था का गठन किया गया है। इसके लिए जलगांव में दो दिवसीय परिषद का आयोजन किया गया। इस परिषद में सर्वसम्मति से इस महासंघ के स्थापना और उद्देश्य की घोषणा की गई।

परिषद में मंदिरों को पहुंचाए जा रहे नुकसान और तोडफोड़ को लेकर चिंता व्यक्त की गई। परिषद में कहा गया कि हिन्दुओं को आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करने वाली ‘भारतीय मंदिर संस्कृति’ आज धर्मनिरपेक्ष सरकार के कारण खतरे में है। हमें मिली इस दैवीय विरासत का संरक्षण और सुरक्षा करना प्रत्येक हिंदू का कर्तव्य है। महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ प्रदेश संघठक सुनील घनवट ने यहां घोषणा की कि ‘महाराष्ट्र मंदिर महासंघ’ की स्थापना की गई है। घनवट ने जलगांव स्थित ‘पद्मालय विश्राम गृह’ में यह घोषणा की।

परिषद में ये रहे उपस्थित
महाराष्ट्र व गोवा बार काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष, अधिवक्ता भरत देशमुख, नीलकंठ चौधरी, सतपुड़ा निवासी श्री मनुदेवी सेवा प्रतिष्ठान के सचिव, जलगांव ग्राम देवता श्रीराम मंदिर के श्रीराम जोशी महाराज, हिन्दू जनजागृति समिति के जलगांव समन्वयक प्रशांत जुवेकर उपस्थित थे।

परिषद में लिया गया यह निर्णय
महाराष्ट्र मंदिर महासंघ के माध्यम से मंदिरों पर सभी प्रकार के आघात, कठिनाइयों और समस्याओं को हल करने के लिए संगठित प्रयास किया जाएगा। घनवत ने यह भी कहा कि ‘महाराष्ट्र मंदिर महासंघ’ सरकार को रोकने के लिए प्रयास और पालन करेगा। घनवट ने यह भी बताया कि मंदिरों में धार्मिक ड्रेस कोड लागू करने, सामूहिक गुढ़ीपड़वा, सामूहिक शस्त्र पूजा, हनुमानचालीसा जप, महाआरती आदि गतिविधियों के लिए मंदिरों में गतिविधियां की जाती हैं। संघ द्वारा समाज का संगठन, मन्दिरों पर आक्रमण आदि के विरुद्ध व्यापक आन्दोलन चलाया जायेगा।

परिषद में मांग
-महाराष्ट्र सरकार सरकार स्वामित्व वाले मंदिरों को खाली करके न्यायालय के आदेशों का पालन करे,

-राज्य सरकार को पौराणिक या ऐतिहासिक महत्व वाले विकास कार्यों के लिए मंदिर की संपत्ति का उपयोग न करने की घोषणा करनी चाहिए।

-प्रशासन, पुरातत्व विभाग उपेक्षित मन्दिरों के तत्काल जीर्णोद्धार, राज्य के तीर्थ स्थलों, दुर्गों पर स्थित मन्दिरों पर इस्लामिक व अन्य अतिक्रमणों का सर्वेक्षण कर उन्हें तत्काल हटाने आदि के लिए बजट में पर्याप्त प्रावधान करे।

-इन संकल्पों का विवरण ‘महाराष्ट्र मंदिर महासंघ’ की ओर से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात कर दिया जाएगा।

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