देश को धोखा देने वालों के लिए दुनिया में कोई भी जगह सुरक्षित नहीं होनी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोई व्यक्ति कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, अगर वह व्यक्ति राष्ट्रहित और जनहित के बीच में आता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई करने में केंद्र सरकार को पीछे नहीं रहना चाहिए। उन्होंने केंद्रीय मुख्य सतर्कता आयोग और केंद्रीय जांच विभाग के संयुक्त सम्मेलन में वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से अधिकारियों को संबोधित करते हुए यह बात कही।
पूर्व सरकार की आलोचना
इस कार्यक्रम में पीएम ने 2014 से पहले की सरकार के कामकाज की आलोचना की। इससे पहले की सरकार के पास भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए राजनीतिक और प्रशासनिक इच्छाशक्ति का अभाव था। लेकिन पिछले छह- सात वर्षों में भ्रष्टाचार को रोकने, डिजिटल तकनीक का उपयोग करके विभिन्न सुविधाओं को लाने और लोगों के जीवन में सरकारी हस्तक्षेप को कम करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं।
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अधिकारियों को दी ये सलाह
मोदी ने सम्मेलन में उपस्थित अधिकारियों को सलाह दी कि केंद्रीय तंत्र का काम किसी को डराना नहीं होना चाहिए। इस व्यवस्था को लेकर लोगों में जो डर है, उसे दूर किया जाना चाहिए। हमने सख्त कानून बनाए हैं, उन कानूनों को लागू करना आपका काम है। राष्ट्रीय जांच एजेंसियों का काम तब शुरू होता है, जब घोटाले, भ्रष्टाचार, अनियमितताएं शुरू होती हैं। लेकिन इस दौरान सजगता और पारदर्शिता के साथ काम करने की जरूरत है। इससे सिस्टम के लिए काम करना आसान हो जाएगा और देश में सिस्टम के समय की बचत होगी।