नेपाल में तारा एयर विमान हादसे में मारे गए चारों भारतीय नागरिकों का अंतिम संस्कार 2 जून को पशुपति मंदिर के पास कर दिया गया। यह विमान मुस्तांग जिले की पहाडियों पर हादसे का शिकार हो गया था।
तारा एयर का कनाडा निर्मित टर्बाेप्रोप ट्विन ओटर 9एन-एईटी विमान 29 मई को दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें चार भारतीय, दो जर्मन और 13 नेपाली यात्रियों के अलावा चालक दल के तीन सदस्य सवार थे। पर्यटन शहर पोखरा से उड़ान भरने के कुछ मिनटों के बाद ही विमान हादसे का शिकार हो गया था और उसमें सवार सभी लोगों की मौत हो गई थी।
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मृतक महाराष्ट्र के एक ही परिवार के सदस्य
इस हादसे में महाराष्ट्र के ठाणे के कारोबारी अशोक कुमार त्रिपाठी (54) पत्नी, अपने बेटे धनुष (22) और बेटी ऋतिका (15) के साथ नेपाल घूमने गए थे। ये चारों लोग इस हादसे का शिकार हो गए। हादसे में मारे गए परिवार के चारों सदस्यों का 2 जून को राजधानी के पशुपतिनाथ मंदिर के पास अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस मौके पर त्रिपाठी के भाई अपनी पत्नी के साथ मौजूद थे।
मलबे से निकाले गए 21 शव
काठमांडू में पशुपति नाथ मंदिर बागमती नदी के किनारे स्थित है। यह नेपाल के सबसे प्रमुख हिंदू मंदिरों में शामिल है। इससे पहले अशोक कुमार त्रिपाठी और उनके परिवार के सदस्यों के शव को त्रिभुवन विश्वविद्यालय अस्पताल में पोस्टमॉर्टम करने के बाद परिवार को सौंपा गया। बचावकर्मियों ने 30 मई को तारा एयर के दुर्घटनाग्रस्त विमान के मलबे से 21 शव निकाले थे, जबकि 31 मई को आखिरी शव दुर्घटनास्थल से बरामद किया गया।
नेपाल सरकार ने हादसे की जांच के लिए पांच-सदस्यीय समिति गठित की है, जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ एयरोनॉटिकल इंजीनियर रतीशचंद्र लाल सुमन करेंगे।