पश्चिम बंगाल में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी सहित विपक्ष के अन्य नेताओं पर फर्जी मामले दर्ज करने के आरोप को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय सख्त हो गया है। इस बाबत गृह मंत्रालय ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर रिपोर्ट मांगी है।
शुभेंदु अधिकारी ने पीएम मोदी से की थी हस्तक्षेप की मांग
केंद्रीय गृह अवर सचिव मृत्युंजय त्रिपाठी ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव एच.के. द्विवेदी को यह पत्र भेजा है। नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की थी। इसी पत्र को प्रधानमंत्री कार्यालय से गृह मंत्रालय को अग्रेषित कर दिया गया था, जिसके बाद पश्चिम बंगाल सरकार से इस बाबत रिपोर्ट मांगी गई है।
पत्र में क्या कहा गया?
पश्चिम बंगाल सरकार को भेजे गए पत्र में कहा गया है, चूंकि पत्र में उठाया गया मुद्दा पश्चिम बंगाल सरकार से संबंधित है, इसलिए यह अनुरोध किया जाता है कि मामले को उचित रूप से देखा जाए और मामले में रिपोर्ट तुरंत प्रस्तुत की जाए। गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि वे पश्चिम बंगाल के विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी द्वारा उठाए गए मामले पर उचित रूप से गौर करें, जिसमें पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा विपक्षी नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ झूठे और मनगढ़ंत मामले दर्ज करने का आरोप लगाया गया है।
…तब रद्द कर दी गई थी प्राथमिकी
इसके पहले शुभेंदु अधिकारी ने कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें प्राथमिकी को रद्द करने का निर्देश दिया गया था। इसके बाद दिसंबर, 2022 में उच्च न्यायालय ने अधिकारी के खिलाफ दर्ज 17 प्राथमिकी पर रोक लगा दी और राज्य सरकार को उनके खिलाफ नए मामले दर्ज करने से रोक दिया था। जुलाई, 2021 में अधिकारी ने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध के तहत झूठे दावों के साथ मामले दर्ज किए गए थे।
दिसंबर, 2022 में अधिकारी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से संसद में उनके कक्ष में मुलाकात की और यह पता चला कि शाह के साथ बैठक के दौरान उन्होंने राज्य के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में उनके खिलाफ दर्ज 30 एफआईआर की एक सूची सौंपी थी। अधिकारी ने निष्पक्ष जांच के लिए अपने खिलाफ आपराधिक मामलों को सीबीआई को स्थानांतरित करने के लिए रिट याचिका में भी गुहार लगाई थी।
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