धीरेद्र शास्त्री पर अंधविश्वास फैलाने के आरोप में कितना दम? नागपुर पुलिस ने पेश की जांच रिपोर्ट

नागपुर में अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर अंधविश्वास  फैलाने का आरोप लगाते हुए पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है।

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बागेश्वर धाम में अंधविश्वास फैलाए जाने के आरोप में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को राहत मिल गई है। नागपुर पुलिस ने जांच करने के बाद उन्हें क्लीन चिट दे दी है। पुलिस ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा है कि वीडियो में धर्म का प्रचार किया जा रहा है, उसमें अंधविश्वास को बढ़ावा देने जैसी कोई बात नहीं है।

बता दें कि नागपुर में अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाते हुए पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति की ओर से यह शिकायत इसके संस्थापक श्याम मानव ने दर्ज कराई थी। लेकिन उन्हें मामले में जोर का झटका लगा है।

एफआईआर दर्ज करने से इनकार
इसी के साथ नागपुर पुलिस ने धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने से मना कर दिया है। अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक श्याम मानव ने कहा है कि पुलिस ने इस संदर्भ में उन्हे एक पत्र भेजा है। उन्होने कहा कि हमें ऐसे ही जवाब की उम्मीद थी। इस पत्र में पुलिस ने स्पष्ट किया है कि जांच के बाद ऐसी कोई बात वीडियो में नहीं पाई गई, जिसमें अंधविश्वास फैलाने जैसी बात हो।

अब क्या करेंगे श्याम मानव?
पुलिस द्वारा धीरेद्र शास्त्री को क्लिन चिट दिए जाने के बाद एक टीवी चैनल से बात करते हुए श्माम मानव ने कहा कि पुलिस कह रही है कि कार्यक्रम में धीरेंद्र शास्त्री द्वारा किसी भी तरह की भूत प्रेत और जादू टोना किए जाने की बात नहीं है लेकिन 2013 के महाराष्ट्र जादू-टोना विरोधी कानून के अनुसार धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ मामला बनता है। उन्होंने कहा कि वे अपनी बात पर आज भी कायम हैं।

श्याम मानव ने कहा कि वे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री से जादू टोना विरोधी कानून के बारे में बात करेंगे। उसके बाद जो जवाब आएगा, उसके अनुसार वे न्यायालय मे जाने के बारे में सोचेंगे।

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