मुंबई के नागरिकों की तीसरी सेरो सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी हुई है। इसमें 10 हजार 197 नागरिकों की जांच की गई। जिसमें से सेरो सकारात्मकता की दर 36.30 प्रतिशत पाई गई। यानी इतने लोगों में एंटीबॉडीज का निर्माण हो चुका है।
मुंबई महानगर पालिका के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस सेरो सर्वेक्षण का संकलन किया जाता है। जिसमें झोपड़पट्टी वासियों में सेरो सकारात्मकता कम होने की बात भी सामने आई है।
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तीसरी बार हुआ सेरो सर्वेक्षण
कोविड 19 के संक्रमण की मार शहर को बुरी तरह अपने घेरे में लिये हुए है। ऐसे में मुंबई महानगर पालिका लोगों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान कर रही है। इसी बीच वो अपने नागरिकों के स्वास्थ्य परीक्षण के माध्यम से सेरो सर्वेक्षण भी करा रही है। पहला सर्वेक्षण जुलाई 2020 में कराया गया था। दूसरा सर्वेक्षण अगस्त 2020 में तीसरा सर्वेक्षण मार्च 2021 में किया गया। जो 24 विभागों में पूरा किया गया।
बगैर झोपड़पट्टी में एंटीबॉडीज अधिक
सेरो सर्वेक्षण के लिए उन लोगों को चुना गया था जिन्होंने एक भी कोरोना वैक्सीन नहीं ली है। इन लोगों के रक्त नमूने को मुंबई मनपा के कस्तूरबा अस्पताल में भेजा गया था। इस जांच में सामने आया कि झोपड़पट्टी क्षेत्र में सेरो सकारात्मकता दर कम है जबकि बगैर झोपड़पट्टी से लिए गए रक्त नमूनों में सेरो सकारात्मकता दर अधिक पाई गई।
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ये है सर्वेक्षण रिपोर्ट
- सेरो सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार पुरुषों में 35.02 प्रतिशत तो महिलाओं में 37.12 प्रतिशत सेरो सकारात्मकता पाई गई
- इस बार के सर्वेक्षण के अनुसार मनपा दवाखानों के माध्यम से झोपड़पट्टी क्षेत्र से लिये नमूनों में 41.6 प्रतिशत सेरो सकारात्मकता दर मिली। जबकि जुलाई 2020 में किये गए पहले सेरो सर्वेक्षण में झोपड़पट्टी क्षेत्र में 57 प्रतिशत और अगस्त 2020 में किये गए सर्वेक्षण में 45 प्रतिशत सेरो सकारात्मकता पाई गई थी।