कोरोना काल में व्यापारी वर्ग का जीवन काफी कठिन हो गया है। महामारी की पहली और दूसरी लहर ने उनके सामने गंभीर आर्थिक संकट खड़ा कर दिया है। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई स्थित दादर के व्यापारियों ने अब सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि मुंबई के कई इलाकों में दुकानें खुली हुई हैं और उन्हें कोई नहीं रोकता, लेकिन हमें धमकाया जा रहा है, हमसे दंड वसूला जा रहा है। हम ये बरदाश्त नहीं करेंगे। व्यापारियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अब हम गांधीगिरी नहीं करेंगे, बल्कि आक्रामक रुख अपनाएंगे।
दी यह चेतावनी
12 जुलाई को दादर के व्यापारी मुंबई महानगरपालिका और पुलिस के विरोध में सड़क पर उतर आए। व्यापारी संघ ने चेतावनी दी कि उनकी मांग पूरी नहीं होने पर वे 17 और 18 जुलाई को दुकानें खुली रखेंगे। बता दें कि प्रतिबंधों में ढील नहीं दिए जाने से व्यापारी आक्रामक हो गए हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर नियमों में ढील नहीं दी गई तो वे सरकार को चुनाव में सबक सिखाएंगे।
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व्यापारी संघ आक्रामक
बीएमसी की ओर से दुकानों पर लगाई गई पाबंदियों से दादर व्यापारी संघ आक्रामक हो गया है। बता दें कि शनिवार और रविवार को ज्यादा से ज्यादा लोग खरीदारी करने आते हैं। उस दिन दुकान बंद होने से व्यापारियों को भारी नुकसान होता है। इसके अलावा दादर चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने मांग की है कि दुकान खोलने का समय सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक बढ़ाया जाए। व्यापारियों ने कहा कि कई बार मांग करने के बावजूद अगर बीएमसी उनकी बात नहीं सुनती है तो उनके पास नियम तोड़ने के अलावा और कोई चारा नहीं है।
कोल्हापुर में भी व्यापारी आक्रामक
प्रतिबंधों के कारण केवल दादर और मुंबई के व्यापारी ही नाराज नहीं है, बल्कि महाराष्ट्र के अन्य शहरों के व्यापारियों में भी गुस्सा है। कोल्हापुर के व्यापारियों ने दुकान पूरे समय तक खुले रखने की अनुमति मांगी है। अगर प्रशासन उनकी इस मांग को नहीं मानता है तो वे अपनी दुकानें खुली रखकर स्थानीय प्रशासन का विरोध करेंगे।