मेरी पुलिस, मेरा अभिमान… आशाएं छूटीं पर ‘वो’ ना भूले और वो व्यवसाई आबाद हो गया

मुंबई शहर की सवा करोड़ की जनसंख्या और

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मुंबई शहर को संभालने के लिए पुलिस के यत्न और प्रयत्न निरंतर शुरू रहते हैं, लेकिन इसके बाद भी अपराधियों को अवसर मिल ही जाता है। जिसका शिकार बनते हैं साधारण जन। ऐसे ही लोग जब अपराधियों द्वारा लूटे जाते हैं तो उन्हें अपने सामानों की वापसी की आशा ही छूट जाती है। परंतु, मुंबई पुलिस अपने कर्तव्यों को नहीं भूलती, उसने अपराधियों से बरामद किये गए दो करोड़ के सामानों व आभूषण उसके मालिकों को लौटाए और एक व्यवसाई तो पुलिस की इस कर्तव्यनिष्ठा से आबाद हो गया।

जवेरी बाजार का आभूषण व्यवसाई बहुत खुश था। पुलिस की पहल ने उसके जीवन को कंगाली से आबाद कर दिया था। घटना भायखला की है, जब 31 मई 2021 को भरत कुंदनलाल जैन को भायखला पुलिस क्वाटर्स के पास चार अज्ञात लोगों ने रोक लिया। इसमें से एक पुलिस का गणवेश धारण किये हुए था। इन लोगों ने भरत के दोपहिया वाहन के कागजों की जांच करने के नाम पर उसका ध्यान बँटाकर उसके पास से काले रंग का बैग ले उड़े।

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इस बैग में 1 करोड़ 25 लाख रुपए की सोने की छड़ आदि थी। इसके बाद भरत जैन ने भायखला पुलिस थाने में 31 मई 2021 को चार अज्ञात लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज करवाया। इस घटना ने भरत जैन और उन्हें माल देनेवाले व्यवसाइयों की कमर तोड़ दी थी।

ऐसे लौटी खुशी
15 जून 2021 भरत जैन के जीवन में खुशियां लेकर आया। मुंबई पुलिस आयुक्त हेमंत नगराले के आदेश और पुलिस अधिकारियों के मार्गदर्शन में पिछले छह महीने में लूटे और चोरी गए सामान और आभूषणों को लौटाने के लिए कार्यक्रम रखा गया। इसमें कुल 24 आपराधिक प्रकरण समेत 14 गंभीर आपराधिक प्रकरणों में लूटे गए कीमती वस्तुओं को उनके मूल मालिकों को लौटाया गया।

यहां के लोगों को मिला सामान
इस कार्यक्रम में भायखला के अलावा सायन, दादर पुलिस थाने के अंतर्गत चेन स्नेचिंग, फर्जीवाड़ा, चोरी, लूट आदि की घटनाओं में बरामद सामानों और आभूषण को वापस लौटाया गया। इसमें भायखला पुलिस थाने और क्राइम ब्रांच द्वारा मात्र पंद्रह दिनों में हल किये गए भरत जैन प्रकरण की खूब प्रशंसा हो रही है।

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कार्यक्रम में ये रहे उपस्थित
इस कार्यक्रम में मुंबई पुलिस आयुक्त हेमंत नगराले, सह पुलिस आयुक्त विश्वास नांगरे पाटील, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त ज्ञानेश्वर चव्हाण व सभी पुलिस थाने के वरिष्ठ पुलिस निरिक्षक मौजूद थे। अपने लूटे गए सामानों को पाकर लोगों के चेहरे की मुस्कान देखते बन रही थी।

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