मध्य प्रदेश के सागर जिले में सेवाधाम आश्रम के बच्चों के साथ दुर्व्यवहार किए जाने का मामला सामने आने के बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने पुलिस अधीक्षक से वहां की यथास्थिति रिपोर्ट आगामी 48 घंटे में देने के लिए कहा है। आयोग ने यह कदम एक शिकायत के बाद उठाया है। शिकायत में बताया गया कि आश्रम में बच्चों को जबरन बाइबिल पढ़वाया जाता है। इसके साथ ही इन सभी बच्चों को बीफ खाने के लिए भी मजबूर किया जाता है।
इस पूरे मामले को लेकर बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने एक पत्र पुलिस अधीक्षक सागर के नाम भेजा है। पत्र में साफ लिखा हुआ है कि सेवाधाम आश्रम श्यामपुर जिला सागर से प्राप्त शिकायत का संज्ञान बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम 2005 की धारा 13(1) (आई) के अंतर्गत लिया है।
गोमांस खिलाने के साथ ही बच्चों को बाइबिल पढ़ाने का आरोप
शिकायतकर्ता ने बताया कि आश्रम में नाबालिक बच्चों को गोमांस खाने एवं बाइबिल पढ़ने के लिए मजबूर किया जाता है, जो बच्चे ऐसा नहीं करते उन्हें इस सेवाधाम आश्रम में एक व्यक्ति जिसे ब्रदर बोला जाता है, उसके द्वारा बुरी तरह से मारा-पीटा जाता है।
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एनसीपीसीआर ने एसपी से मांगी रिपोर्ट
इस प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रीय बाल आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने इसे गंभीरता से लिया है। यहां शिकायतकर्ता का नाम बाल अधिकार संरक्षण के नियमानुसार गुप्त रखा गया है। उन्होंने मामले में जिला सागर पुलिस अधीक्षक से कहा है कि वे 48 घंटे के भीतर बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के आदेश की प्रति, बाल कल्याण समिति के समक्ष बच्चों के द्वारा दिए गए बयान की प्रति, प्रकरण में दर्ज एफआईआर की प्रति, सेवाधाम आश्रम का निरिक्षण कर उसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करें। पत्र की एक प्रति कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी दीपक आर्य को भी भेजी गई है। पत्र प्रधान निजी सचिव, एनसीपीसीआर के हस्ताक्षर से एक दिन पूर्व ही जारी किया गया है।