Maharashtra: मंत्री प्रताप सरनाईक ने किया बड़ा ऐलान, महाराष्ट्र में मोटर परिवहन सीमा चौकियां जल्द होंगी बंद

परिवहन मंत्री सरनाईक ने आगे कहा कि 1966 में स्थापित इन सीमा चौकियों का उद्देश्य वाहनों की आवाजाही को नियंत्रित करना, परिवहन नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करना और सड़क कर वसूलना था।

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केंद्र सरकार (Central Government) के निर्देशों और वस्तु एवं सेवा कर प्रणाली के कार्यान्वयन के अनुरूप, महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) ने राज्य में सभी मोटर परिवहन सीमा चौकियों (Motor Transport Border Check Posts) को स्थायी रूप से बंद करने का निर्णय लिया है। परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक (Transport Minister Pratap Sarnaik) ने बताया कि इस निर्णय का उद्देश्य अंतरराज्यीय यातायात (Inter-State Traffic) को सुचारू बनाना तथा वाणिज्यिक वाहनों की आवाजाही में आने वाली बाधाओं को दूर करना है।

परिवहन मंत्री सरनाईक ने आगे कहा कि 1966 में स्थापित इन सीमा चौकियों का उद्देश्य वाहनों की आवाजाही को नियंत्रित करना, परिवहन नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करना और सड़क कर वसूलना था। हालांकि, जीएसटी के कार्यान्वयन और डिजिटल प्रवर्तन उपायों में प्रगति के साथ, भौतिक निरीक्षण के लिए स्थापित इन सीमा चौकियों की अब आवश्यकता नहीं रह गई है। इस संबंध में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र के परिवहन विभाग को निर्देश जारी किए थे। साथ ही, मुख्य परिवहन आयुक्त कार्यालय के शिलान्यास के अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इन सीमा चौकियों को जल्द बंद करने का निर्देश दिया था। इसके साथ ही राज्य परिवहन संघ ने भी इस संबंध में कई बार बयान जारी कर सीमा चौकियों को बंद करने की मांग की थी। तदनुसार, प्रशासनिक त्रुटियों को दूर कर सकारात्मक रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भेज दी गई है। उनकी मंजूरी के बाद राज्य की सीमा पर स्थित चेक पोस्ट बंद कर दी जाएंगी।

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504 करोड़ रुपए का भुगतान करना आवश्यक
इससे पहले, महाराष्ट्र में मोटर परिवहन और सीमा शुल्क विभागों की संयुक्त जांच चौकियों के लिए एक “एकीकृत चेक पोस्ट” परियोजना लागू की गई थी। इसके लिए मेन अडानी प्राइवेट लिमिटेड नामक संगठन को नियुक्त किया गया। इसके अलावा, संबंधित सुविधाओं के संचालन और रखरखाव के लिए उनके साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। हालांकि, इन सीमा चौकियों को बंद करने के निर्णय के कारण संबंधित संगठन को 10 लाख रुपये का जुर्माना भरना पड़ेगा। मुआवजे के रूप में 504 करोड़ रुपये मिले। हालांकि, इस राशि का भुगतान करने के बाद संबंधित प्रौद्योगिकी और अचल संपत्ति परिवहन विभाग की संपत्ति बन जाएगी। परिवहन विभाग द्वारा इस संबंध में एक प्रस्ताव मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजा गया है। मंत्री सरनाईक ने बताया कि उनकी मंजूरी मिलते ही सभी सीमा जांच बंद कर दी जाएंगी।

इस संबंध में परिवहन आयुक्त की अध्यक्षता में गठित एक समिति ने इस निर्णय के निहितार्थ और प्रभावशीलता का गहन अध्ययन किया। इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने निष्कर्ष निकाला कि व्यक्तिगत पूछताछ की आवश्यकता को ऑनलाइन प्रणाली और इलेक्ट्रॉनिक निगरानी द्वारा प्रभावी ढंग से प्रतिस्थापित किया जा सकता है। सरनाईक ने कहा कि इस परिवर्तन से कार्यकुशलता बढ़ाने, देरी कम करने और कदाचार रोकने में मदद मिलेगी।

इस निर्णय के साथ, महाराष्ट्र आधुनिक, कागज रहित और प्रौद्योगिकी आधारित परिवहन निगरानी प्रणाली अपनाने वाले 18 अन्य राज्यों में शामिल हो गया है। इस महत्वपूर्ण निर्णय से ट्रांसपोर्टरों को भी लाभ होगा, सड़क सुरक्षा में सुधार होगा और यह केंद्र सरकार के ‘कारोबार में आसानी’ के दृष्टिकोण के अनुरूप है।

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