दशहरे पर पुरुषों को मिलेगा सरकारी उपहार!

आम मुंबईकरों के लिए लोकल ट्रेन शुरू करना इतना आसान भी नहीं है। सामान्य रुप से हर दिन मुंबई के वेस्टर्न, मध्य और हार्बर लाइन पर 80 लाख लोग यात्रा करते हैं। समझना मुश्किल नहीं है कि जिस तरह यात्रियों की भीड़ लोकल में होती है,उस हालत में कोरोना संक्रमण से बचाव के सभी नियमों की धज्जियां उड़ने से इनकार नहीं किया जा सकता।

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दशहरा के मौके पर आम मुंबईकरों को रेलवे बड़ा उपहार देने जा रही है। महिलाओं को लोकल ट्रेनों में यात्रा करने की इजाजत देने के बाद अब पुरुषों को भी अगले दो-तीन दिन में इसकी अनुमति दी जा सकती है। इस बारे में राज्य सरकार और रेलवे के बीच चर्चा की गई है।

विजय वडेट्टीवार ने दी जानकारी
महाराष्ट्र के पुनर्वसन मंत्री विजय वडेट्टीवार ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा है कि राज्य सरकार और रेलवे  अधिकारियों के बीच इस बारे में चर्चा हुई है और अगले दो-तीन दिन में लोकल ट्रेनों में सभी लोगों को यात्रा करने की इजाजत दी जाएगी।

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कोरोना से बचाव होगी बड़ी चुनौती
हालांकि आम मुंबईकरों के लिए लोकल ट्रेन शुरू करना इतना आसान भी नहीं है। सामान्य रुप से हर दिन मुंबई के वेस्टर्न, मध्य और हार्बर लाइन पर 80 लाख लोग यात्रा करते हैं। समझना मुश्किल नहीं है कि जिस तरह यात्रियों की भीड़ लोकल में होती है,उस हालत में कोरोना संक्रमण से बचाव के सभी नियमों की धज्जियां उड़ने से इनकार नहीं किया जा सकता। इसलिए इस बारे निर्णय लेने से पहले तमाम तरह के खतरों पर विचार करना जरुरी है। इसके लिए रेलवे और सरकार को गाइलाइंस बनाने तथा उनपर किस तरह अमल कराना संभव हो सकेगा, इन सब मुद्दों पर विचार करना जरुरी है।

महिलाओं की शिकायत
बुधवार से सभी महिलाओं को मुंबई लोकल में यात्रा करने की अनुमति दी गई है, हालांकि इसे लेकर रेलवे अपनी परेशानियां गिना रही थीं लेकिन रेलवे मंत्री पीयूष गोयल ने इस बारे में ऐलान कर दिया। फिलहाल महिलाओं को सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक और फिर शाम 7 बजे से यात्रा करने की अनुमति दी गई है। ये समय कामकाजी महिलाओं के लिए मुफीद साबित नहीं हो रहे हैं और वे सुबह से ही यात्रा करने की इजजात देने की मांंग कर रही हैं।

खतरों के खिलाड़ी बनने को मजबूर मुंबईकर
कोरोना की रोकथाम के लिए कब वैक्सीन बनेगी और कब इस महामारी से निजात मिलेगी, इस बारे में अभी भी अनिश्चितता बनी हुई है। जबकि इस महामारी के संक्रमण के खतरे लगभग पहले की तरह ही बने हुए हैं। इसके बावजूद लोग अपने कार्यस्थल पर जाने के लिए छटपटा रहे हैं। रोजी रोटी की समस्या लोगों के लिए कोरोना से भी बड़ी है, क्योंकि वे कोरोना के शिकार हो ही जाएंगे ,यह तय नहीं है लेकिन अगर लंबे समय तक रोजी बंद रही तो रोटी की समस्या जरुर पैदा हो जाएगी। इसलिए अब लोग खतरों के खिलाड़ी बनने पर मजबूर हो गए हैं। यही वजह है कि मुंबई की लोकल ट्रेनों में सभी लोगों को यात्रा करने की इजाजत देने की मांग दिनोंदिन तेज होती जा रही है। अब सरकार के सामने आम मुंबईकरों के लिए लोकल ट्रेन शुरू करने के आलावा और कोई विकल्प नहीं है।

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