वरिष्ठ टेलीविजन पत्रकार मयूर परिख को मुंबई विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की उपाधि

टेलीविजन पत्रकारिता में सरलता और सुगमता से समाचार प्रस्तुतिकरण एक बड़ी चुनौती रही है। इस पर सभी समाचार माध्यम लगातार कार्य करते रहे हैं। इस संदर्भ में एक शोध पत्र मुंबई विश्वविद्यालय में प्रस्तुत किया गया है। जिसके लिए प्रस्तोता मयुर परिख को डॉक्ट्रेट की उपाधि दी गई है।

Mayur Parikh

टेलीविजन न्यूज क्षेत्र में दो दशकों का अनुभव रखने वाले मुंबई के वरिष्ठ टेलीविजन पत्रकार मयूर परिख को मुंबई विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टरेट (पीएचडी) की उपाधि से सम्मानित किया गया है। मुंबई विश्वविद्यालय द्वारा ‘नेक’ के अध्यक्ष डॉ. अनिल सहस्त्रबुद्धे की अध्यक्षता में आयोजित दीक्षांत समारोह में मयूर परिख को डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई। उन्होंने, पत्रकारिता विभाग, मुंबई विश्वविद्यालय के अधीन अपना शोध ग्रंथ प्रस्तुत किया था।

भारत सरकार ने सभी टेलीविजन चैनलों के लिए समाचार कार्यक्रमों को सबकी पहुंच के प्रारूप में प्रस्तुत करना अनिवार्य किया है। यह ऐसा प्रारूप है जिसे दिव्यांग भी समझ सकें। परंतु, इसे नकारा नहीं जा सकता कि, कई टेलीविजन चैनल एक्सेसिबल टेलीविजन स्क्रीन पेश करने की दिक्कतों से जूझ रहे हैं। इस परिदृश्य में, पत्रकार मयूर परिख ने बिजनेस टेलीविजन न्यूज एंड एक्सेसिबिलिटी विषय पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया है। इस शोध पत्र में उन विषयों का विश्लेषण किया गया है जिनके द्वारा व्यावसायिक टेलीविजन समाचार एक्सेसिबिल फॉर्मेट में जनसामान्य तक आसानी से पहुंचाया जा सके।

लागत और समय की बचत पर लक्ष्य
मयूर परिख ने अपने शोध पत्र का विश्लेषण करते हुए बताया कि, उनका शोध पत्र कैसे समय और धन की बचत करते हुए टेलीविजन के समाचारों को दिव्यांग लोगों तक पहुंचाया जा सकता है, इस पर केंद्रित है। डॉ. पी.जे. मैथ्यू मार्टिन के मार्गदर्शन में शोध करने के अपने अनुभवों को भी मयूर परिख ने साझा किया।

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बता दें कि, मयूर परिख 2001 से समाचार टेलीविजन चैनलों में कार्यरत हैं और वे एबीपी न्यूज, स्टार न्यूज, जी न्यूज और अल्फा गुजराती चैनल में काम कर चुके हैं। उनके इन अनुभवों, खोजी पत्रकारिता और समाचारों को सरलता से सभी वर्गों तक पहुंचाने की ललक उनके शोध पत्र में मिलती है।

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