हुतात्मा की बहन को शादी में आ रही थी भाई की याद, तभी हुआ ऐसा चमत्कार!

पिछले साल ही शैलेंद्र प्रताप सिंह जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में आतंकियों से मोर्चा लेते हुए हुतात्मा हो गए थे। साल 2008 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए शैलेंद्र प्रताप, बल की 110वीं बटालियन में तैनात थे।

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हुतात्मा सेना के जवान की बहन को अपने एकलौते भाई की शादी में कमी खल रही थी लेकिन शादी के समय का नजारा ही अलग था। बहन के एक नहीं, दर्जन भर से ज्यादा भाई विवाह की रस्में निभा रहे थे। यह देखकर वहां मौजूद हर कोई भाव विह्वल था।

दरअसल, रायबरेली में 11 दिसंबर को केंद्रीय अर्धसैनिक बल (सीआरपीएफ) के जवानों ने अपने शहीद साथी शैलेंद्र प्रताप सिंह की बहन की शादी में चुनरी पकड़ने की रस्म अदा की और भाई का फर्ज निभाया। कुछ जवान वर्दी में थे, बाकी सादे कपड़ों में थे।

लोगों की भर आईं आंखें
जैसे ही बल के जवानों की टोली रायबरेली के मलिकमऊ कॉलोनी स्थित शैलेंद्र सिंह के घर पर पहुंची, विवाह समारोह में मौजूद लोग भावुक हो गए। दुल्हन के फेरों पर जाते समय सीआरपीएफ जवानों ने मंडप की चुनरी पकड़ी। उस वक्त कई लोगों की आंखें भर आईं। उनके परिजन देखकर भावुक हुए और अपने बेटे शैलेंद्र प्रताप सिंह की यादों को ताजा किया।

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आतंकियों से लोहा लेते समय हो गए थे हुतात्मा
उल्लेखनीय है कि पिछले साल ही शैलेंद्र प्रताप सिंह जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में आतंकियों से मोर्चा लेते हुए हुतात्मा हो गए थे। साल 2008 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए शैलेंद्र प्रताप, बल की 110वीं बटालियन में तैनात थे। उनकी कंपनी सोपोर में थी। आतंकियों से मोर्चा लेते हुए शैलेंद्र प्रताप सिंह को गोली लगी थी और वे शहीद हो हुए थे। शैलेंद्र का नौ साल का बेटा कुशाग्र है। तब दो बहनों का विवाह हो चुका था। 11 दिसंबर को तीसरी बहन ज्योति की शादी थी।

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