प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि कहा कि जी-20 की अध्यक्षता मिलना भारत के लिए गौरव की बात है। स्वतंत्रता के अमृतकाल में भारत को बड़ी जिम्मेदारी मिली है। प्रधानमंत्री अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 95वें संस्करण में अपने विचार साझा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हम मन की बात के 100वें एपिसोड की ओर बढ़ रहे हैं। देश के लोगों से जुड़ना मेरे लिए एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के लोग स्वयं को जी-20 से जोड़ रहे हैं। तेलंगाना के राजन्ना सिर्सिल्ला जिले के एक बुनकर येल्धी हरिप्रसाद गारू ने मुझे अपने हाथों से जी-20 का प्रतीक चिह्न बुन करके भेजा है। ये शानदार उपहार देखकर तो मैं हैरान ही रह गया हरिप्रसाद को अपनी कला में इतनी महारथ हासिल है कि वो सबका ध्यान आकर्षित कर लेते हैं।
संबोधन की बात
-प्रधानमंत्री ने कहा कि हरिप्रसाद ने इस प्रतीक चिह्न के साथ ही मुझे एक चिट्ठी भी भेजी है। इसमें उन्होंने लिखा है कि अगले साल जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करना भारत के लिए बड़े ही गौरव की बात है । देश की इसी उपलब्धि की खुशी में उन्होंने जी-20 का यह प्रतीक चिह्न अपने हाथों से तैयार किया है।
-प्रधानमंत्री ने कहा कि जी-20 की विश्व की जनसंख्या में दो तिहाई, वैश्विक व्यापार में तीन चौथाई और वैश्विक जीडीपी में 85 प्रतिशत भागीदारी है। आप कल्पना कर सकते हैं भारत अब से 3 दिन बाद यानी 1 दिसंबर से इतने बड़े समूह की, इतने सामर्थ्यवान समूह की अध्यक्षता करने जा रहा है । भारत के लिए, हर भारतवासी के लिए, ये कितना बड़ा अवसर आया है। जी-20 की अध्यक्षता, हमारे लिए बड़ी उपलब्धि बनकर आई है। हमें इस मौके का पूरा उपयोग करते हुए विश्व कल्याण पर फोकस करना है।
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