महाराष्ट्र में जल प्रलय से 76 की गई जान… मुख्यमंत्री का सर्वेक्षण दौरा

जल प्रलय से महाराष्ट्र में हाहाकार मचा हुआ है। अभी भी कई गांव जलमग्न हैं।

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राज्य के 8 जिले अतिवृष्टि से प्रभावित हुए हैं। इसके कारण जहां 76 लोगों को अपने प्राण गंवाने पड़े हैं वहीं, 90 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी बाढ़ और जल प्रलय प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया।

अतिवृष्टि के कारण गई 76 जानें… गांव के गांव जलमग्न
राज्य के 9 जिल्हे अतिवृष्टि से प्रभावित हैं। जिनमें कोल्हापुर, रायगड, सांगली, सातारा, रत्नागिरी, मुंबई उपनगर, सिंधुदुर्ग और ठाणे है। इस जिलों में आनेवाले ग्रामीण क्षेत्रों के 890 गांव प्रभावित हुए हैं। जिसमें 76 लोगों की मृत्यु की खबर है। यह आंकड़ा बढ़ सकता है, अभी 59 लोगों की तलाश की जा रही है। जबकि, दुर्घटनाओं में 38 लोग घायल हैं, इस आपदा में 16 घर पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। 75 प्राणियों की जान जाने की भी खबर है, इस त्रासदी से बचाने के लिए 90 हजार लोगों का स्थानांतरण किया गया है। जल प्रलय में सहायता के लिए 4 सहायता छावनियां बनाई गई हैं, चिपलूण में वशिष्ठि नदी का पुल ढह गया है।

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महाड में परिस्थिति गंभीर

  • महाड में अतिवृष्टि से सावित्री नदी का पानी महाड और पोलादपुर में प्रवेश कर गया, जिससे वहां बाढ़ आ गई
    सावित्री नदी की बाढ़ से बचाव दल पहुंचने में परेशानी
  • खराब मौसम और बाढ़ के कारण सड़कों के बंद होने से एनडीआरएफ को पहुंचने में घंटो लगे

इन स्थानों पर भूस्खलन

  • तलिये मधलीवाडी – महाड
  • साखरसुतारवाडी – पोलादपुर
  • केवनाले – पोलादपुर में भूस्खलन से बड़ी क्षति

मदद की घोषणा
राज्य आपदा प्रबंधन निधि से 2 करोड़ रुपए की तत्काल सहायता

सेना और एनडीआरएफ द्वारा बचावकार्य
एनडीआरएफ की कुल 25 टुकड़ी लगी
मुंबई -2 , पालघर -1, ठाणे -2, रायगड -1, रत्नागिरी- 6, सिंधुदुर्ग -2, सातारा – 3, कोल्हापुर – 4, पुणे -2

भुवनेश्वर से मंगाई 7 अतिरिक्त टुकड़ियां
इन्हें कोल्हापुर में -2, सातारा -1, सांगली -2, पुणे में 2 टुकड़ियों को तैनात किया गया

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